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युवा परिवार द्वारा आयोजित स्वामी विवेकानंद जयंती में शामिल हुए कई जिला के 1000 स्वयंसेवक

युवा परिवार द्वारा आयोजित स्वामी विवेकानंद जयंती में शामिल हुए कई जिला के 1000 स्वयंसेवक
नव-बिहार समाचार, भागलपुर। युवा परिवार सेवा समिति के भाइयों द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती का आयोजन भागलपुर में 12 जनवरी को पूरे धूमधाम के साथ किया गया। इस आयोजन में बिहार के अलग अलग जगहों जैसे पटना, गया, दरभंगा, अररिया, भागलपुर आदि जगहों से आए लगभग 1000 युवाओं ने विवेकानंद जी दिव्य जीवन चरित्र को लेकर उतिष्ठ युवा कार्यक्रम का आयोजन किया। राष्ट्रीय युवा दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन पैदल विशाल शोभा यात्रा  से किया गया। यह विशाल शोभायात्रा रामचन्द्र विवाह भवन शीतला स्थान से होते हुए भोला नाथपुल, कचहरी चौंक, घंटा घर, उल्टापुल, कटघर, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान आश्रम, गंगटी, अलीगंज, बौसी चौंक, मिर्जनहाट, शीतला स्थान, गोराडीह रोड, विशनपुर, जिच्छोंसे होती हुई कार्यक्रम स्थल तक पहुंची। 
इसके बाद कार्यक्रम स्थल पर अनेक तरह की प्रस्तुति की गई। मौके पर स्वामी सुकर्मानंद जी ने सबको संबोधित करते हुए बताए कि जिस तरह  स्वामी राम कृष्ण परमहंस जी के द्वारा नरेंद्र का निर्माण स्वामी  विवेकानंद के रूप में हुआ। जो पूरे विश्व भर में भारतीय सनातन अध्यात्म ज्ञान का प्रचार किए। वैसे ही आज गुरुदेव सर्वश्री आशुतोष महाराज के दिशा निर्देश में लाखों की संख्या में युवाओं को विवेकानन्द जी जैसे आदर्शवान युवा का निर्माण किया जा रहा है। इस निर्माण की प्रक्रिया के मूल सूत्र आशुतोष महाराज जी द्वारा प्रदत ब्रह्मज्ञान की दीक्षा है। जिससे एक जिज्ञासु ईश्वर का दर्शन अपने घट के भीतर ही कर पाता है। 
साथ ही महात्मा बुद्ध के जीवन वृतान्त को सुनाते हुए संसार की नश्वरता और असारता को समझाते हुए कहा कि एक जीव आज अज्ञानतावश माया के आकर्षण में फँसकर जीवन के उद्देश्य को भूल चुका है। इसलिए वह जीवन में दुखों को भोगता है। जिस प्रकार महात्मा बुद्ध जीवन में एक मृतक, रोगी, वृद्ध और संत को देखकर आत्म चिंतन में डूब जाते थे और मन में  विचार करते हुए कि आखिर जीवन का सत्य क्या है? ऐसी विचारों को रखते हुए वह अपने महल को त्यागकर सत्य की खोज में निकल पड़े थे। 

अंततोगत्वा वे संत सुजाता की शरण में सत्य का अनुभव किये। ठीक इसी प्रकार से आज मनुष्य को इसी माया के चंगुल से निकल कर सत्य अर्थात् ईश्वर को जानने की नितान्त आवश्यकता है। इसके लिए किसी संत की शरण में जाने की आवश्यकता है। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक सर्वश्री आशुतोष महाराज जी के सानिध्य में युवा परिवार सेवा समिति का गठन 2005 में किया गया । 
इस कार्यक्रम में युवा परिवार सेवा समिति बिहार झारखंड कोऑर्डिनेटर स्वामी सुकर्मानंद जी, भागलपुर शाखा कोऑर्डिनेटर स्वामी संसदानन्द जी, बिहार झारखंड कोऑर्डिनेटर मिडिया प्रभारी एवं टेक्निकल टीम प्रभारी संजय सिंह,  दरभंगा शाखा कोऑर्डिनेटर वीरेंद्रनंद जी, बिहार झारखंड कोऑर्डिनेटर आशुतोष आशीष और अरूण अलग अलग जगहों से पहुंचे थे। साथ में पटना ब्रांच  कोऑर्डिनेटर रणवीर और आशुतोष गौरव, सिवान ब्रांच कोऑर्डिनेटर विकास और अनंत, भागलपुर ब्रांच कोऑर्डिनेटर मनीष और आर्यन, दरभंगा ब्रांच कोऑर्डिनेटर दीन बंधु जी, गया ब्रांच कोऑर्डिनेटर पप्पू जी और अररिया ब्रांच कोऑर्डिनेटर चंदन जी की टीम ने मिलकर अनेक सुन्दर प्रस्तुतियां प्रस्तुत की। जैसे भाषण, विवेकानंद जी के जीवन से जुड़े नाटक तो किसी ने महात्मा बुद्ध जी के जीवन से जुड़े नाटक तो किसी ने देशभक्ति गीत पर डांस प्रस्तुत किए।