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इस 26 जनवरी नहीं दिखेगी दिल्ली में बिहार की झांकी

सेंट्रल डेस्क। इस साल दिल्ली के राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के बाद बिहार की भी झांकी नहीं दिखने की संभावना है. जानकारों के मुताबिक, बिहार की 'जल, जीवन और हरियाली' थीम पर अब तक अनुमति नहीं मिली है. कारण कि झांकी के लिए तय मानकों में बिहार की झांकी जगह नहीं बना पाई. 

गणतंत्र दिवस समारोह में बिहार की झांकी को शामिल नहीं किए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा, ''इस संबंध में मैं राजनाथ सिंह से बात करूंगा कि बिहार की झांकी को परेड समारोह में शामिल किया जाए और झांकी को शामिल करना भी चाहिए. यह बिल्कुल गलत बात है. आज पूरी दुनिया की सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण की सुरक्षा है.''

वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना ने गुरुवार को मोदी सरकार पर गणतंत्र दिवस परेड के लिए महाराष्ट्र की झांकी की अनुमति नहीं देने के लिए निशाना साधा जहां राकांपा ने इसे राज्य की जनता का अपमान बताया. राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने दावा किया कि केंद्र ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए गैर-भाजपा शासित महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को अनुमति नहीं दी है. उन्होंने केंद्र सरकार पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनकी झांकियों को अनुमति नहीं देना लोगों का ‘अपमान’ जैसा है.

सुले ने ट्वीट किया, “केंद्र ने गणतंत्र दिवस पर परेड के लिए महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को अनुमति नहीं दी है. यह देश का पर्व है और केंद्र से सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देने की उम्मीद है. लेकिन सरकार पक्षपातपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रही है और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों से सौतेला व्यवहार कर रही है.’’ बारामती से सांसद सुले ने एक समाचार भी साझा किया जिसमें दावा किया गया है कि रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस परेड (26 जनवरी) के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकार कर दिया है.

ये है झांकी तय करने की प्रक्रिया
26 जनवरी की परेड में झांकी शामिल करने की एक तय प्रक्रिया है. जिसके अनुसार रक्षा मंत्रालय देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों या विभागों से प्रस्ताव आमंत्रित करता है. इनके प्रस्ताव मिलने के बाद एक कमेटी इनकी स्क्रीनिंग करती है. इस कमेटी में कला, संस्कृति, पेंटिंग, संगीत जैसे क्षेत्रों से जुड़े लोग होते हैं.

सूत्रों के अनुसार, गणतंत्र दिवस 2020 के लिए कुल राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों के कुल 56 प्रस्ताव मिले थे. इनमें 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के थे, वहीं 24 मंत्रालयों और विभागों से थे. पांच मीटिंग के बाद 56 में से कमेटी ने 22 प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दी.