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बच्चों को ले जा रहा पीरपैंती के माधवपुर का शाकिर गिरफ्तार 

हावड़ा से मुंबई जाने वाली मेल ट्रेन से गुरुवार दोपहर को 33 बच्चों को बीच सफर में ही पुलिस द्वारा उतार लिया गया है। सभी लड़कों की आयु 8 से 10 वर्ष के बीच है। उतारे गए सभी बच्चे बिहार के रहने वाले हैं। बच्चों को ले जा रहे 22 वर्षीय मोहम्मद शाकिर हुसैन को भी पुलिस ने पकड़ लिया है। वह खुद को मदरसे का शिक्षक (हाफिज) बता रहा है। जिसने पूछताछ में बताया कि वह इन बच्चोें को महाराष्ट्र के जामिया असहाबे सुफ्फा मदरसा सहारा नगर नंदोरा जिला बुलडाणा मदरसे में एडमिशन दिलाने ले जा रहा था। हालांकि उसके पास
किसी तरह के लिखित दस्तावेज नहीं मिले हैं। इसलिए उस पर मानव तस्करी का संदेह है। उतारे गए सभी बच्चे भागलपुर और कटिहार जिले के हैं। जिनमें एक बच्चा बीमार है। होम वेरीफिकेशन होने तक सीडब्लूसी के आदेश पर इन्हें बाल गृह दुर्ग और खुला आश्रय पद्मनाभपुर में रखा गया है। शाकिर भागलपुर के पीरपैंती थाना क्षेत्र के माधवपुर का निवासी है। 
राजनांदगांव के एएसपी यूबीएस चौहान के अनुसार हमें सूचना मिली थी कि काफी संख्या में छोटे बच्चों को बिहार से महाराष्ट्र ले जाया जा रहा है। जो व्यक्ति बच्चों को अपने साथ ले जा रहा था, उसके पास कोई दस्तावेज नहीं था। इसलिए उन्हें राजनांदगांव स्टेशन में उतारा गया। जांच करने के बाद ही पता चलेगा कि आखिर मसला क्या है?

महिला वकीलों को हुई कुछ आशंका, कराया यह कार्य

स्मृता पांडे बताती हैं कि मैं पेशे से वकील हूं। रायपुर में रहती हूं। मैं साथी मोनिता साहू के साथ घरेलू हिंसा के केस के सिलसिले में गुरुवार सुबह राजनांदगांव आने के लिए निकली। हावड़ा-मुंबई मेल में चढ़ी। ट्रेन में खासी भीड़ थी। हम एस-5 बोगी में गए, अन्य यात्रियों से बैठने के लिए जगह देने की मांग की। तभी देखा कि बोगी में 15 से 20 बच्चे सवार थे, कोई बर्थ में लेटा हुआ तो कोई बैठा हुआ था। सभी डरे-सहमें से थे। हमने एक-दो बच्चों से बात की, वे झिझक रहे थे। कुछ देर बाद एक बच्चे ने कहा कि वे बिहार के रहने वाले हैं और महाराष्ट्र जा रहे हैं। किसके साथ पूछने पर बच्चों ने सामने खड़े व्यक्ति की ओर इशारा किया। वह 22 से 23 साल का युवक था। पूछने पर खुद को मदरसे का शिक्षक बताया और कहा कि इन बच्चों को महाराष्ट्र ले जा रहा है। मदरसा में दाखिला दिलाना है। उर्दू की तालीम देनी है। मैंने कहा कि उर्दू की तालीम तो बिहार में भी मिल जाती, इतनी दूर क्यों ले जा रहे हो, सिर्फ उर्दू ही सिखाएंगे या कुछ और विषय भी। उसने कहा बाकी विषयों की भी शिक्षा देंगे। मैंने उससे आईडी की मांग की। उसके पास किसी तरह की आईडी नहीं थी और न ही कोई दस्तावेज।