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भागलपुर: स्मार्ट सिटी टेंडर रद, गड़बड़ी को ले जांच के आदेश

भागलपुर। स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर के टेंडर मामले में गड़बड़ी की बात सामने आयी है। शनिवार को स्मार्ट सिटी लि. के निदेशक मंडल की बैठक में टेंडर को रद्द करते हुए उचित जांच करने और दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए सरकार को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया। स्मार्ट सिटी के कामकाज की धीमी गति पर आयुक्त ने सवाल उठाते हुए फटकार भी लगायी।
 
स्मार्ट सिटी के निदेशक मंडल की बैठक में कहा गया कि पिछले दिनों कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर के 202 करोड़ 55 लाख के टेंडर पर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में निविदा समिति द्वारा निर्णय लिया गया। यह 130 करोड़ रुपये की जगह 202.55 करोड़ की राशि 56 प्रतिशत अधिक है। निविदा समिति के निर्णय को नियमों के विपरीत पाया गया। कहा गया कि इसमें गड़बड़ी हुई है।

निविदा के निष्पादन में पीडीएमसी, स्मार्ट सिटी के अधिकारी तथा निविदा समिति (जिसमें जिला लेखा पदाधिकारी भी शामिल थे) के स्तर पर गड़बड़ी की गयी है। समीक्षा के बाद निविदा की कार्रवाई की जांच करने का निर्णय लिया गया। आयुक्त ने कहा कि गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। किसी तरह का घोटाला नहीं होने दिया जाएगा। 

काम की धीमी गति पर नाराजगी जतायी
स्मार्ट सिटी के कामों की धीमी गति पर आयुक्त सह स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष राजेश कुमार ने नाराजगी जताते हुए वित्तीय नियमों का पालन करते हुए निविदा की प्रक्रिया पूर्ण करने का निर्देश दिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि सैंडिस कंपाउण्ड में स्मार्ट सिटी के फंड से बैडमिंटन कोर्ट और स्टेशन क्लब बनाया जाएगा। 

आयुक्त ने अफसोस जताते हुए कहा कि पूर्व में लिये गये नर्णिय के अनुपालन करने की गति काफी धीमी है। कहा कि स्मार्ट सिटी लि.का गठन काफी पहले हुआ है। बोर्ड के स्तर से जरूरत के अनुसार संसाधन के अलावा मुख्य महाप्रबंधक, सीएफओ,कंपनी सचिव,प्रोजेक्ट प्रबंधक,लेखापाल आदि की नियुक्ति भी कर दी गयी। इसके बावजूद एक भी काम जमीन पर नहीं दिख रही है। वर्तमान में सात-आठ नवनियुक्त पदाधिकारी काम कर रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है कि अधिकारी के रहते और पीडीएमसी को भुगतान करने के बावजूद काम में गति नहीं आ रही है। 

निदेशक भी जिम्मेदार होंगे
बोर्ड की बैठक में आयुक्त ने अन्य निदेशकों को भी कंपनी के कार्य पर ध्यान देने का आग्रह किया। कहा कि कंपनी के कामकाज में किसी तरह की गड़बड़ी या वत्तिीय अनियमितता की स्थिति में अन्य निदेशक भी जम्मिेदार होंगे। डीएम सह निदेशक के स्तर से सीईओ के कार्यों की मॉनिटरिंग नहीं करने का मामला भी बोर्ड के समक्ष रखा गया। बैठक में डीएम प्रणव कुमार,नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा,वत्ति विभाग के प्रतिनिध अपर सचिव एवं स्वतंत्र निदेशक आदि उपस्थित थे। स्मार्ट सिटी लि. के गठन के बाद शनिवार को 12वीं बैठक हुई।