पटना : प्रगतिशील विद्युत कर्मी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इसमें कार्यपालक अभियंता के स्तर से चयनित एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए बिजली मिस्त्री शामिल हैं। इधर बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के प्रबंधन ने बुधवार को एक आदेश जारी कर कहा है कि विद्युत व्यवस्था बाधित करने वाले कामगार की सेवा दोबारा नहीं ली जाएगी। बिजली कंपनी प्रबंधन का कहना है कि एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए मानव बल का बिजली कंपनी से कोई सरोकार नहीं है। उनकी जिम्मेवारी एजेंसी की है।
सभी कार्यपालक अभियंताओं ने बिजली कंपनी मुख्यालय के निर्देश पर संबंधित एजेंसियों को वैकल्पिक तौर पर मानव बल उपलब्ध कराने को कहा है। बिजली कंपनी ने यह स्पष्ट कहा कि अगर कोई कर्मी बिजली व्यवस्था को बाधित करता है या फिर बिजली आपूर्ति परिसर में तोड़फोड़ करता है तो उसके नेता को चौबीस घंटे के अंदर थाने में पहुंचना है। सफाई नहीं देने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई भी होगी।
बिजली कंपनी प्रबंधन ने कहा कि बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे इसके लिए बिजली कंपनी ने पूरी व्यवस्था कर ली है। यह भी साफ कर दिया गया है कि अगर चयनित एजेंसी का कोई कामगार अनुपस्थित रहता है तो दोबारा उसकी सेवा नहीं ली जाएगी।