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इस बार मां दुर्गा नौका पर आयेगी और हाथी पर जायेगी- आगमानंद महाराज

नव-बिहार न्यूज ऐजेंसी ( NNA), भागलपुर। इस साल 10 अक्टूबर को कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहा है। इसको लेकर जगह जगह तैयारी आरंभ हो गई है। विभिन्न दुर्गा मंदिरों में प्रतिमा निर्माण, रंग-रोगन, साज-सज्जा एवं पंडाल निर्माण का कार्य जारी है। भागलपुर जिले के तेतरी और भ्रमरपुर गांव तथा खगड़िया जिले के विशौनी गांव में भगवती की प्रतिमा स्थापित की जाती है। यहां दुर्गा पूजा को लेकर उत्साह है। मालूम हो कि यहां दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं।

इस वर्ष मां भगवती का आगमन जहां भक्तजनों के लिए शुभ संकेत है, वहीं प्रस्थान किसानों की खुशहाली के साथ-साथ देश में समृद्धि का संकेत है। 10 अक्टूबर को कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहा है। 19 अक्टूबर को विजयादशमी है। परम शक्ति मां दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्र सर्वोत्तम समय माना जाता है। इसमें भी शारदीय नवरात्र का सर्वाधिक महत्व है। विदेशों में भी रहने वाले भारतीय इस महाव्रत को करते हैं।

कहा जाता है कि भगवान राम ने भी नवरात्र कर देवी को प्रसन्न कर विजयादशमी के दिन रावण का संहार किया था। श्रद्धा, विश्वास से उर्जा और शक्ति की देवी दुर्गा की उपासना से आज भी भक्त शांति और आत्मबल प्राप्त करते हैं। शारदीय नवरात्र प्रारंभ होने के पूर्व लोगों के दिलों में यह जिज्ञासा बनी रहती हैं कि मां दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आएगी ओर किस वाहन से लौटेंगी। मां दुर्गा के आगमन एवं प्रस्थान से ही आगामी वर्ष के अच्छे-बुरे फल का अंदाज लगाया जा सकता हैं। मां दुर्गा इसबार भक्तजनों के लिए खुशियों की सौगात लाएंगी। देश समृद्धि की ओर बढ़ने का शुभ संकेत है।

श्रीशिवशक्ति योगपीठ (नवगछिया, भागलपुर), के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने बताया कि इस वर्ष नवरात्र कलश स्थापना अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा दस अक्टूबर, बुधवार को होने के कारण मां दुर्गा का आगमन नौका पर है। जिसका फल मनोकामना सिद्ध है। मां दुर्गा भक्तजनों की मनोकामनाएं पूर्ण करेगी। विजयादशमी शुक्रवार, 19 अक्टूबर को है। मां दुर्गा गज (हाथी ) पर सवार होकर लौटेंगी। जिसका फल होता है- शुभ वृष्टि अर्थात अच्छी बारिश। यह किसान के साथ-साथ देश को समृद्धि प्रदान करने में अहम योगदान करेगी। आगमन जहां भक्तजनों के लिए शुभ संकेत है, वहीं प्रस्थान किसानों की खुशहाली के साथ-साथ देश में समृद्धि का संकेत है। कुल मिलाकर बुराई पर अच्छाई के विजय का प्रतीक नवरात्र आत्मसाधना हैं। भक्त जन अपनी श्रद्धा, निष्ठा एवं भक्ति से मां की आराधना करेंगे, उनका कल्याण होगा।