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लालू प्रसाद की सजा का एलान आज, मिलेगी बेल या जेल?

नव-बिहार समाचार, रांची/पटना: राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आज बुधवार को रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत सजा का ऐलान करेगी. बीते 23 दिसंबर को कोर्ट ने लालू को देवघर चारा घोटला मामले में दोषी करार दिया है. इसके बाद से वो रांची की जेल में बंद हैं.

इधर आज सुबह लालू प्रसाद के पुत्र सह बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रहे तेज प्रताप ने कहा है कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे, कोर्ट हमारे लिए भगवान के समान है. जो भी फैसला आयेगा, जितने साल की भी सजा होगी हमलोगों को मंजूर होगा, हमें न्याय पर पूरा भरोसा है. इससे पहले आज सुबह तेजप्रताप मंदिर गयेऔर अपने पिता के लिए दुआएं मांगी.

इस मामले में सर्फ लालू ही नहीं बल्कि लालू समेत 16 लोगों को आज सजा सुनाई जाएगी. अदालत ने लालू यादव को धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार के आरोप में आईपीसी की धारा 420, 120 बी और पीसी एक्ट की धारा 13 ( 2) के तहत दोषी पाया है. इस मामले में बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा और ध्रुव भगत समेत 6 लोगों को बरी कर दिया गया था.

लालू समेत सभी दोषी सुबह करीब 10.30 बजे अदालत में हाजिर किये जायेंगे. लालू के वकील अदालत से लालू को कम से कम सजा देने की अपील करेंगे, जबकि सीबीआई के वकील ने कहा कि यह भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है और ऐसे में अदालत से अधिकतम सजा देने की गुजारिश की जाएगी.

कितनी हो सकती है सजा

लालू के वकील चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में उन्हें अधिकतम सात साल और न्यूनतम एक साल की कैद की सजा होगी. हालांकि, सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में गबन की धारा 409 के तहत 10 साल और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है. लालू को अगर तीन साल से कम की सजा सुनाई जाती है तो उन्हें तुरंत बेल मिल सकती है जबकि इससे अधिक सजा पर वकीलों को बेल के लिए हाईकोर्ट का रुख करना पड़ेगा.

ये है पूरा मामला

साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपये निकालने का आरोप है. इस दौरान लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपये का है, जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा केस है. इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर, 1997 को मुकदमा दर्ज किया था. लगभग 20 साल बाद इस मामले में फैसले आया था.

इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये अवैध ढंग से निकालने के चारा घोटाले के एक दूसरे केस में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है.