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नव-बिहार न्यूज नेटवर्क (NNN)। सावन की पूर्णिमा सोमवार 7 अगस्त को श्रवण नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग में राखी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन इसमें सुबह भद्रा, दोपहर को सूतक और रात को चंद्रग्रहण होने से राखी बांधने का सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 11.05 बजे से दोपहर 1.51 तक रहेगा। बृज भूमि पंचांग, मार्तंड पंचांग, विश्व विजय पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण रात्रि 10.52 बजे से शुरू होकर रात्रि 12.49 बजे तक चलेगा। ग्रहण का सूतक काल दोपहर 1.52 बजे होगा। 8 साल बाद राखी के दिन चंद्र ग्रहण पड़ेगा।
चूड़ामणि चंद्र ग्रहण का सूतक सोमवार को भारतीय स्टैंडर्ड समय दोपहर 1.52 बजे से प्रारंभ हो जाएगा। भद्रा काल सुबह 11.04 बजे तक रहेगा। इसलिए बहनें अपने भाई को सुबह 11.05 बजे से लेकर दोपहर 1.51 बजे तक राखी बांध सकती हैं। शुभ मुहूर्त में अपने ईष्टदेव और भगवान को रक्षाबंधन करने के उपरांत बहनों को अपने भाई को राखी बांधना चाहिए। इस दिन ब्राह्मण अपने श्रावणी उपाकर्म को बड़े श्रद्धा और भक्ति से करते हैं, जिसके कारण उन्हें नवीन शक्ति प्राप्त होती है।
चंद्रग्रहण के समय मकर राशि में स्थित चंद्र पर सूर्य व नीच मंगल एवं शनि की दृष्टि है। अत: राजनीतिज्ञों में परस्पर संघर्ष एवं अनैतिक कार्यों में वृद्धि, सीमा प्रांतों पर युद्ध की स्थिति बनेगी। खड़ी फसलों को हानि पहुंचेगी। अंचल के लिए ग्रहण बेला मंगल अस्त होने से महंगाई बढ़ेगी और अपराधों में वृद्धि होगी।
राखी के दिन पड़ने वाली ये भद्रा अनिष्टकारी नहीं मानी जाएगी। इसमें भी राखी बांधी जा सकती है, लेकिन सूतक से पहले ही राखी बांधे। ज्योतिर्विद डॉ. एचसी जैन के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। हिंदू धर्म और शास्त्रों के मुताबिक भद्रा सूर्य की पुत्री और शनि की बहन है।
इस कारण भद्रा का स्वभाव भी शनि की तरह उग्र है। इसलिए भद्रा के समय कोई भी शुभ कार्य, संस्कार अथवा यात्रा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके नकारात्मक परिणाम रहेंगे। इसी तरह सूतक काल में भी रक्षाबंधन नहीं किया जाता,क्योंकि राखी बांधने से पहले भगवान को राखी बांधी जाती है। सूतक काल में मंदिर के पट बंद रहते हैं। पं. सोनू शर्मा ने बताया कि राखी पर अति उत्तम सर्वार्थ सिद्धि योग बनने से यह पर्व प्रसन्नता व संपन्नता लाएगा।
शाम को नहीं खुलेंगे मंदिरों के पट
चंद्र ग्रहण सोमवार रात्रि 10.52 बजे से शुरू होकर रात्रि 12.49 बजे तक चलेगा। ग्रहण का सूतक काल दोपहर 1.52 बजे होगा। राम मंदिर फालका बाजार, मंशापूर्ण हनुमान मंदिर, बालाजी धाम बहोड़ापुर, टेकरी वाले पौराणिक हनुमान मंदिर तारागंज, अचलेश्वर महादेव मंदिर के पट शाम को नहीं खुलेंगे। मंदिरों के पट सुबह खुलने के बाद सूतक लगने से पहले बंद हो जाएंगे। मंगलवार को सुबह मंदिर के पट खुलेंगे।
राशि से बांधें राखी: राशि रंग
मेष- लाल, मेहरून
वृषभ- सफेद
मिथुन- हरा
कर्क- चमकीला सफेद
सिंह- गोल्डन, पीला, गुलाबी
कन्या- हरा
तुला- सफेद
वृश्चिक- केसरिया, लाल
धनु- पीला
मकर- नीला, आसमानी
कुंभ- नीला, आसमानी
मीन- पीला, औरेंज