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गोरखपुर के पास ट्रेन हादसा, कई की मौत कई घायल

हर तरफ चीख-पुकार, सभी को थी गोरखपुर। रात के ग्यारह बजे के आसपास का वक्त था। कृषक एक्सप्रेस पूरी रफ्तार से गोरखपुर की तरफ बढ़ रही थी। गोरखपुर के रवि कुमार देवरिया से इस ट्रेन के बोगी संख्या एस-4 में सवार हुए थे। कुसम्हीं जंगल में गुजरने के दौरान वह सीट से उठकर गेट के पास आ गए। ट्रेन अभी नंदानगर क्रासिंग के पास पहुंची ही थी कि जबरदस्त शोर सुनाई दिया और वह जोर का झटका खाकर फर्स पर गिरते-गिरते बचे। कुछ देर बाद जब वह संभले तो आगे की कई बोगियों से चीख-पुकार की आवाजें आने लगी।
कृषक एक्सप्रेस की बोगी नंबर एस-फोर में गोरखपुर से लखनऊ का रिजर्वेशन कराने वाले लोग सवार होते हैं। इसलिए गोरखपुर से पहले इस बोगी में सामान्यत: देवरिया और उसके आगे-पीछे के स्टेशनों से रोजाना गोरखपुर आने वाले लोग सवार होते हैं। ट्रेन के झटका खाने और चीख-पुकार मचने के बाद इस ट्रेन से रोज गोरखपुर आने वाले रवि कुमार को लग गया कि कोई बड़ा हादसा हो गया है। अन्य यात्रियों के साथ वह आगे पहुंचे तो दो बोगी ट्रैक पर पलटी मिली। कई अन्य बोगियां बगल से गुजरी लखनऊ-बरौनी के इंजन से रगड़ खाने की वजह से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थीं। इन बोगियों में चारों तरफ खून पसरा हुआ था। बगल से लखनऊ-बरौनी के रगड़ कर गुजरने से कई यात्री घायल बुरी तरह से घायल होकर कराह रहे थे। उसके आगे की दो बोगियां ट्रैक पर पलटी हुई थीं।
यात्रियों में से ही किसी ने इसकी सूचना सौ नंबर पर दी। इस बीच स्थानीय तथा ट्रेन की अन्य बोगियों में सवार लोग घायलों को बाहर निकालने के काम में जुट गए। गोरखपुर के ही राघवेंद्र सिंह ने सीट में फंसे एक यात्री को खींचकर बाहर निकाला। सीट में दबकर उस यात्री का एक पैर कटकर अलग हो गया था और दूसरा पैर भी बुरी तरह से जख्मी हो गया था। उसको बाहर निकालने में मदद कर रहे कई लोगों की उसकी हालत देखते ही हिम्मत जवाब दे गई। वे पीछे हट गए लेकिन राघवेंद्र सिंह ने हिम्मत कर उस यात्री को बाहर निकाला। इसके बाद उसी की पैंट से उसका दोनों पैर बांधा ताकि खून बहना रोका जा सके।
इसी बीच एयरफोर्स के जवान, मेडिकल विंग के साथ मौके पर पहुंच गए। मेडिकल विंग में अधिकतर महिला डाक्टर थीं। उन्होंने बोगी के अंदर ही घायलों को प्राथमिक उपचार देना शुरू किया। स्थानीय लोग उन घायलों को अपने साधनों से जिला अस्पताल पहुंचा रहे थे। बाद में एसएसबी के जवान के घायलों के मदद में पहुंचने से बचाव व राहत कार्य में और तेजी आ गई।
लूटपाट करने वाले कम नहीं थे:
हादसे के बाद दोनों ट्रेनों के यात्री और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जहां एक तरफ घायलों की मदद में लगे हुए थे, वहीं दूसरी तरफ यात्रियों के सामानों की लूटपाट करने वालों की संख्या भी कम नहीं थी। ट्रैक पर पलटी बोगी के ठीक पीछे वाली बोगी में सवार राकेश कुशवाहा ने बताया कि एक व्यक्ति मदद के बहाने उनके पास आया और उनका बैग लेकर उतर गया। इस तरह की घटना कई अन्य यात्रियों के साथ भी हुई कि मदद के बहाने उनका सामान लेकर लोग रफूचक्कर हो गए।