सभी सीओ और बीडीओ को भी किया गया हाई अलर्ट
निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश
एसडीओ ने खाद्यान्न व्यापारियों को दिया भंडारण निर्देश
मुखिया को मिला अपने क्षेत्रों में माइकिंग कराने का निर्देश
नेपाल सरकार द्वारा कोसी नदी में अचानक से छोड़े गये पाँच लाख घनमीटर पानी से मचाने वाली संभावित तबाही से लोगों को बचाने को लेकर नवगछिया अनुमंडल प्रशासन पूरी तरह से सतर्क नजर आ रहा है। जिसे लेकर अनुमंडल पदाधिकारी ई0 अखिलेश कुमार तथा अनुमंडल आपदा पदाधिकारी सह भूमि सुधार उप समाहर्ता संजीव कुमार ने शनिवार को कोसी से प्रभावित हो सकने वाले कई इलाकों का दौरा भी किया।
इसके साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा अनुमंडल के सभी बीडीओ और सीओ को भी हाई अलर्ट करते हुए सभी पंचायतों के मुखिया को इसकी त्वरित जानकारी दी गयी। जिससे कोसी के निचले इलाको में रहने वाले अपने अपने सामान और मवेशी के साथ अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर चले जाएँ। इसके लिए सभी मुखिया को ध्वनि विस्तारक यंत्र से भी लोगों को सूचित करने का आदेश दिया गया।
अनुमंडल पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने बताया कि इस संभावित आपदा से त्रस्त लोगों की मदद के लिये एसडीआरएफ़ के गोताख़ोरों की पच्चीस सदस्यों की एक टीम भी नवगछिया पहुँच रही है। जिसे नवगछिया प्रखण्ड परिसर में ठहराया जाएगा। कोसी के आस पास के ऊंचे स्थलों और स्कूलों को तत्काल शरणस्थली बनाया जा सकेगा। जहां चापाकल इत्यादि की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा नवगछिया के प्रमुख खाद्यान्न व्यवसायी पवन कुमार सर्राफ सहित कई व्यवसायियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे संभावित को देखते हुए चूड़ा, चना और अन्य आवश्यक सामग्री का भंडारण कर लें। जिससे आवश्यकता पड़ने पर जरूरतमन्द लोगों को भोजन सहायता प्रदान की जा सके।
वहीं नवगछिया आदर्श थाना में भी शनिवार की शाम एक आवश्यक बैठक कर पुलिस निरीक्षक रंजन कुमार द्वारा सभी मुखिया को इस संभावित आपदा के लिये तैयार रहने की जानकारी दे दी गयी है। साथ ही अपने अपने क्षेत्रों के लोगों को अलर्ट करने को भी कहा गया है।
बताते चलें कि इस संभावित आपदा से पूरी बिहार सरकार अलर्ट है। नेपाल द्वारा छोड़े पानी को वीरपुर बराज के रास्ते नवगछिया के इलाके में पहुँचने में कुछ समय लग सकता है। जिसके रविवार की सुबह के बाद पहुँचने की संभावना बनी हुई है। जिससे इसके निकटवर्ती किनारे वाले इलाकों में व्यापक असर पड़ सकता है। जैसे पिपरपांती, सकुचा, बैसी, मदरौनी, सहौडा, कटरिया इत्यादि क्षेत्रों पर इसका प्रभाव पड़ सकने की संभावना है।