पौराणिक और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाने वाला नाग पंचमी का पर्व शुक्रवार को नवगछिया में उत्साह के साथ मनाया गया। इस दिन अल सुबह से ही घरों में महिलाओं ने नाग देवता की पूजा कर दूध लावा चढ़ाया। इसके बाद पास के विषहरी स्थान मंदिर जा कर भी नाग देवता की पूजा कर दूध और लावा चढ़ाया।
इसी दौरान नवगछिया बाजार स्थित विषहरी स्थान मंदिर में विषहरी की पूजा अर्चना को काफी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। जहां विषहरी पूजा कमेटी के सदस्यों द्वारा श्रद्धालुओं कि सुविधा का खासा ख्याल रखा जा रहा था। मान्यता है कि ऐसा करने से सर्प आदि विषैले जीव जन्तु का खतरा टल जाता है।
बताते चलें कि नवगछिया महासती विहुला की जन्म स्थली है। जिसने सर्प दंश से मृत अपने पति को कठिन तपस्या के बल पर जिंदा करा लिया था। जिसके बाद से ही महासती विहुला ने अपने ससुर भागलपुर चम्पा नगर के महान शिव भक्त चांदो सौदागर को भी विषहरी पूजा को मजबूर कर दिया था। तब से अब तक इस पूरे नवगछिया नवगछिया क्षेत्र में विषहरी के रूप में नाग देवता की भी पूजा की जाती है।