राजेश कानोडिया, नवगछिया।
जहां ना कोई पद हो और ना ही उस पद का कोई पदाधिकारी । मगर उस पद के पदाधिकारी के नाम पर ड्यूटी लगायी जाती हो करारी। तो इसे आप क्या कहेंगे? सरकारी कामकाज की खानापुरी या फिर लापरवाही का नमूना?
जहां ना कोई पद हो और ना ही उस पद का कोई पदाधिकारी । मगर उस पद के पदाधिकारी के नाम पर ड्यूटी लगायी जाती हो करारी। तो इसे आप क्या कहेंगे? सरकारी कामकाज की खानापुरी या फिर लापरवाही का नमूना?
यह कोई मनगढ़ंत बात नहीं है। यह एक सरकारी आदेश का नमूना है। जिसे ईद-उल-फित्र 2014 के मौके पर नवगछिया पुलिस जिला के संयुक्त आदेश में देखा जा सकता है। जिसे पुलिस अधीक्षक नवगछिया तथा जिलाधिकारी भागलपुर के संयुक्त हस्ताक्षर से इस कार्य के लिए तैनात सभी दंडाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों को प्रेषित किया गया है।
इस आदेश पत्र के क्रमांक 16 के अनुसार अपर जिला जन- संपर्क पदाधिकारी नवगछिया अपनी विभागीय जीप एवं ध्वनि विस्तारक यंत्र के साथ दिनांक 28-07-14 से दिनांक 31-07-14 तक जिला नियंत्रण कक्ष में उपलब्ध रहेंगे। वास्तविकता तो यह है कि नवगछिया पुलिस जिला अथवा नवगछिया अनुमंडल में अपर जिला जन संपर्क पदाधिकारी का कोई पद है ही नहीं। ना ही इस पद के कोई पदाधिकारी पदस्थापित हैं। जबकि नवगछिया में इस विभाग का कोई कार्यालय भी नहीं है। फिर जीप और ध्वनि विस्तारक यंत्र कहाँ से और कैसे जिला नियंत्रण कक्ष तक जा पायेगा। ऐसे में अगर कोई अचानक बड़ी समस्या खड़ी हो जाय जिसमें इस सामान और पदाधिकारी की जरूरत पड़ी तो मौके पर क्या हालात होंगे। यह एक सोचनीय विषय बन जाएगा। जबकि दो दिन पहले ही यूपी के सहारनपुर में दंगा का माहौल पैदा हो गया था। जिसमें दो की मौत और 19 लोग घायल हो गए थे।
इसके अलावा इसी संयुक्त आदेश में ही अनुमंडल कार्यालय नवगछिया में एक नियंत्रण कक्ष खोले जाने की बात भी बताई गयी है। जिसके लिये सुंदरवास कुमारी, कार्यपालक दंडाधिकारी को प्रभारी दंडाधिकारी के रूप में ड्यूटी दी गयी है। जबकि नवगछिया में पदस्थापित रही कार्यपालक दंडाधिकारी सुंदरवास कुमारी तबादला के तहत कई माह से समस्तीपुर जिले के शाहपुर पटोरी में बीडीओ के रूप में कार्यरत हैं। इस समय नवगछिया में कार्यपालक दंडाधिकारी के पद पर मृदुला कुमारी गुप्ता कार्यरत हैं।