अमेरिका ने अपनी खुफिया एजेंसी को बीजेपी की जासूसी करने का अधिकार दिया है। अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी (एनएसए) को ये अधिकार दिया गया है। ये जानकारी एनएसए के पूर्व कॉन्ट्रैक्टर और अब व्हिसलब्लोअर बन चुके एडवर्ड स्नोडेन ने दी है।
अमेरिका में दूसरे देशों की छह राजनीतिक पार्टियों की लिस्ट बनाई गई है। इन पार्टियों पर नजर रखने के लिए एनएसए को आधिकारिक इजाजत दी गई है। बीजेपी भी इनमें से एक है 'वाशिंगटन पोस्ट' के जरिए स्नोडेन ने जो जानकारी सोमवार को सार्वजनिक की है, उसके मुताबिक अमेरिका के विवादास्पद फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विलांस एक्ट के तहत 2010 में एनएसए को जासूसी का अधिकार दिया गया है।
बताया गया है कि एनएसए को जो लिस्ट सौंपी गई है। इस लिस्ट में न केवल छह राजनीतिक पार्टियों, बल्कि भारत सहित 193 देशों की सरकारों का भी नाम है। दस्तावेज से ये खुलासा हुआ है कि अमेरिकी कोर्ट ने एनएसए को वर्ल्ड बैंक, यूएन, ओपीईसी और यूरोपियन यूनियन के इंटरनेट और फोन लाइन टैप करने की मंजूरी दी है।
स्नोडेन के इस खुलासे पर बीजेपी का कहना है कि अगर स्नोडेन की बात सही तो ये बेहद गंभीर मामला है। बीजेपी नेता राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि अगर ये सही है तो भारत सरकार इस मुद्दे पर अमेरिका से बात करेगा।