मनरेगा योजनाओं को सफल व पारदर्शी तरीके से संचालित करने के लिए ग्रामीण विभाग 4040 नये कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा. इसके साथ ही मनरेगा के लिए विभाग के पास 6567 कर्मचारियों की क्षमता हो जायेगी. कर्मचारियों के वेतन भत्ते पर मनरेगा राशि के अतिरिक्त राज्य के कोष पर 139.30 करोड़ का भार बढ़ेगा. सोमवार को 1290 जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति का विज्ञापन जारी हो जायेगा. एक महीने में इनकी नियुक्ति कर ली जायेगी.
ग्रामीण विकास व समाज कल्याण मंत्री नीतीश मिश्र ने बताया कि जिन नये पदों के सृजन का निर्णय लिया गया है, उनमें 393 कार्यक्रम पदाधिकारी,1290 कनीय अभियंता, 78 सहायक अभियंता,16 कार्यपालक अभियंता,107 पंचायत तकनीकी सहायक, 38 जिला कार्यक्रम प्रबंधक शामिल हैं. इसके अलावा बिहार ग्रामीण विकास सोसाइटी की कोर टीम में 161 नये पदों का सृजन किया गया है. उन्होंने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत छह फीसदी आकस्मिक खर्च का प्रावधान है.
नये पदों के सृजन के बाद मनरेगा की आकस्मिक खर्च की राशि से 139.30 करोड़ रुपये राज्य सरकार अपने खजाने से खर्च करेगी. उन्होंने बताया कि पूर्व में जिन 2527 पदों की स्वीकृति दी गयी थी, उनमें कार्यक्रम पदाधिकारियों के 534,कार्यपालक अभियंता के 34, सहायक अभियंता के 56, कनीय अभियंता के 846 व पंचायत तकनीक सहायक के 1057 पद शामिल हैं.
नीतीश मिश्र ने बताया कि 15 से अधिक पंचायतवाले प्रखंडों में अतिरिक्त कार्यक्रम पदाधिकारियों के पदों का सृजन किया गया है. ऐसे प्रखंडों की संख्या 287 है. इन प्रखंडों में एक-एक अतिरिक्त कार्यक्रम पदाधिकारियों की तैनाती की जायेगी. साथ ही कार्यक्रम पदाधिकारियों की जिला मुख्यालय में पदस्थापन करने व अवकाश की स्थिति को देखते हुए 106 पद रखा गया है. इसी प्रकार हर जिलों में एक कार्यपालक अभियंता की तैनाती की गयी है. सूबे में 12 बड़े जिले हैं. वहां पर दो कार्यपालक अभियंताओं की तैनाती की जायेगी. अब विभाग हर चार प्रखंडों पर एक सहायक अभियंता की प्रतिनियुक्ति करेगा. अब चार पंचायतों पर एक कनीय अभियंता और हर जिला में एक-एक कार्यक्रम प्रबंधक की तैनाती होगी. इसी प्रकार बीआरडीएस, मुख्यालय स्तर पर निदेशक, क्षेत्रीय कार्यक्रम पदाधिकारी व कार्यक्रम पदाधिकारी समेत 161 कर्मियों के पदों का सृजन करने का निर्णय है.