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उत्तर प्रदेश : अखिलेश ने 36 दर्जा प्राप्त राज्यमंत्रियों को किया बर्खास्त

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यूपी में भारतीय जनता पार्टी के हाथों मिली करारी शिकस्त से बौखलाए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 36 दर्जा प्राप्त राज्यमंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है. इन राज्यमंत्रियों पर आरोप था कि उन्होंने सपा के उम्मीदवारों को जिताने के लिए मेहनत नहीं की और राज्यमंत्री की हैसियत से मिली सुविधाओं का आनंद लेते रहे.

जबकि इन्हें राज्यमंत्री बनाया ही इसलिए था कि वह अपने क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवार को जिताने में जुटेंगे. लेकिन इन राज्यमंत्रियों के इलाकों में चुनाव लड़े सपा के उम्मीदवारों कों भाजपा के जीते प्रत्याशी से कम वोट मिले तो सरकार ने मंगलवार को इन सभी दर्जा प्राप्त राज्यमंत्रियों को बर्खास्त कर दिया. गौरतलब है इन लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को यूपी की मात्र पांच संसदीय सीटों पर ही जीत हासिल हुई. बाकी की 75 संसदीय सीटों पर सपा के प्रत्याशी हार गए. समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ऐसे नतीजों की उम्मीद नहीं थी. पार्टी नेताओं के अनुसार सपा प्रमुख और मुख्यमंत्री ने सूबे से 60 संसदीय सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति तैयार कर चुनाव लड़ा था.

जिसके तहत ही पार्टी से जुड़े सूबे के करीब 98 लोगों को दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाया गया. इनमें से 36 राज्यमं‍त्रियों ने चुनाव लड़े पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के लिए मेहनत नहीं की. सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर चुनावी हार की वजहों को जानने के लिए सपा प्रमुख मुलायम सिंह की बुलाई बैठक में इसका खुलासा हुआ. चुनाव हारे तमाम सपा प्रत्याशियों ने मुलायम सिंह को बताया कि किन-किन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्रियों ने चुनाव प्रचार नहीं किया और घर में बैठे रहे. कई अन्य गंभीर आरोप भी कुछ प्रत्याशियों ने दर्जा प्राप्त राज्यमंत्रियों पर लगाए. जिन्हें सपा प्रमुख ने गंभीरता से लिया और मुख्यमंत्री को उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा.

जिसके बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री ने नोएडा कांड के चर्चित नेता नरेंद्र भाटी, सपा महासचिव रामगोपाल के खास रहे आशु मलिक, पूर्व सांसद अनुराधा चौधरी, लखनऊ में बसपा शासनकाल में पुलिस की पिटाई का शिकार हुए राजा चतुर्वेदी, व्यापारी नेता सुरेन्द्र मोहन अग्रवाल तथा संदीप बंसल, केसी पाण्डेय, अनीस मंसूरी, सुरभि शुक्ला, सतीश दीक्षित, कमलेश पाठक, विद्यावती राजभर, सचिनपति गुप्ता, ओमवीर तोमर, कमरुद्दीन, रीबू श्रीवास्तव, राकेश यादव, राम सिंह राणा, रंजना बाजपेई, साहब सिंह सैनी, लीलावती कुशवाहा, राम बाबू, अंजला माहौर, बहादुर सिंह, मनोज राय, इंदु प्रकाश मिश्रा, इकबाल अली, सतेन्द्र उपाध्याय, हाजी इकराम, जगदीप यादव, मोहम्मद अब्बास, वीरेन्द्र सिंह, केपी सिंह चौहान, कुलदीप उज्जवल और जगदीश यादव से राज्य मंत्री का ओहदा ले लिया गया है. मुख्यमंत्री की इस कार्रवाई के बाद अब कहा जा रहा है कि जल्दी ही सरकार में कई अहम विभागों का दायित्व संभाल रहे मंत्रियों की हैसियत कम की जाएगी. इसके अलावा पार्टी के संगठन में भी नए लोगों को दायित्व दिया जाएगा.