सुप्रीम कोर्ट परिसर में मंगलवार दोपहर सहारा प्रमुख सुब्रत राय के चेहरे पर एक शख्स ने काली स्याही फेंकी। घटना के दौरान मौजूद सुरक्षा गार्डो व अन्य लोगों ने आरोपी मनोज शर्मा की जमकर धुनाई की। तिलक मार्ग थाना पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। उसके खिलाफ अभी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस को दिए बयान में उसने कहा है कि उसे भ्रष्टाचार सहन नहीं होता है, इसलिए उसने यह कदम उठाया।
पुलिस उपायुक्त नई दिल्ली जिला एसबीएस त्यागी के मुताबिक मनोज मध्य प्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला है। सोमवार को वह दक्षिण एक्सप्रेस से दिल्ली पहुंचा था। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ही उसने रात गुजारी। मंगलवार सुबह वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। दोपहर करीब दो बजे जब सुब्रत राय को कोर्ट रूम में ले जाया जा रहा था तभी मनोज ने पेन से उनके चेहरे पर स्याही फेंक दी। इसके बाद वह शर्ट उतार कर चिल्लाया, 'यह चोर है। इसने लोगों का पैसा चुराया है और मैं चोरों के खिलाफ हूं।' मौके पर मौजूद सुरक्षा गार्डो ने मनोज को जमीन पर गिराकर बुरी तरह पीटा। उसके कपड़े भी फाड़ दिए।
सुब्रत राय को गेस्ट हाउस में रखा गया था
सुब्रत राय को लखनऊ पुलिस सोमवार देर रात ही कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली लेकर आ गई थी। उन्हें जामिया नगर के ओखला स्थित एक गेस्ट हाउस में रखा गया था। सुप्रीम कोर्ट जाते समय उनके पीछे दर्जनों लग्जरी कारों में सुब्रत राय के कर्मचारी व अंगरक्षक चल रहे थे।
अटल बिहारी वाजपेयी का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवाया था
पुलिस के अनुसार मनोज (47) ग्वालियर के बालाजी विहार (गुडा गौरी का नाका) का रहने वाला है। उसके परिवार में पिता, पत्नी व तीन बच्चे हैं। पेशे से वकील मनोज 2006-2007 में ग्वालियर में बार एसोसिएशन का संयुक्त सचिव रह चुका है। अप्रैल 2011 में उसने पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी पर चप्पल फेंकी थी। वर्ष 2005 में ग्वालियर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया था। इसके पीछे उसका मकसद भ्रष्टाचार को उजागर करना था। वर्ष 2007 में ग्वालियर में एसडीएम की पिटाई करने के मामले में उसे तीन साल की सजा भी हुई थी।