ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

मतदाताओं पर 20 गुना बढ़ा चुनाव खर्च


देश में चुनाव दर चुनाव मतदाताओं और उम्मीदवारों की संख्या में बढोत्तरी होने के साथ ही चुनाव पर होने वाले सरकारी खर्च में भी तेजी से वृद्धि हुई है और यह 60 पैसे से बढ़कर 12 रुपये प्रति मतदाता तक पहुंच गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1951-52 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में प्रति मतदाता केवल साठ पैसे खर्च कर चुनाव करा लिए गए थे जो 2009 के आम चुनाव में बढ़कर बारह रुपये हो गया था।
इस तरह पहली लोकसभा से साल 2009 में हुई 15वीं लोकसभा चुनाव में सरकारी खर्च प्रति मतदाता बीस गुना बढ़ गया। इस दौरान तकनीक से लेकर अन्य क्षेत्रों में भारी बदलाव हुए हैं। हरेक चुनाव में कुछ न कुछ नया करने का भी प्रयोग हुआ। अगर कुल खर्च के रूप में देखा जाए तो 1951-52 के आम चुनाव के दौरान 10.45 करोड़ खर्च किए गए थे जो 2009 के चुनाव में बढ़कर 846.67 करोड़ रुपये हो गया था। 2004 का लोकसभा चुनाव सरकारी खर्च के हिसाब से सबसे महंगा साबित हुआ था। इस चुनाव पर कुल 1114 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।