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राहुल गांधी की सभा में हंगामा, जयराम ने उन्हें बताया 'ड्रामेबाज'


राहुल गांधी की बुधवार को जम्मू में हुई सभा में जोरदार हंगामा हुआ। पंचों, सरपंचों के एक सम्मेलन में जैसे ही राहुल ने अपना भाषण पूरा किया, हंगामा हो गया। परीक्षित सिंह नाम का सरपंच अपनी जगह से खड़ा हो गया और उसने हंगामा शुरू कर दिया। परीक्षित ने कहा कि वह तीन सालों से सरपंचों को ज्यादा अधिकार देने की बात कर रहा है। लेकिन उसकी बात राहुल गांधी तक नहीं पहुंचाई जाई रही है। नाराज सरपंच के सवालों का जवाब देने की कोशिश में राहुल गांधी ने कहा, 'अगर मुझे आपकी बात नहीं सुननी होती तो मैं यहां क्यों आता।' इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि वे सरपंचों के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला से बात करेंगे। 
 
दूसरी तरफ, यूपीए सरकार के मंत्री जयराम रमेश ने बीजेपी और नरेंद्र मोदी के चुनावी अभियान की हवा निकालने के चक्कर में अपने ही नेता राहुल गांधी की खिंचाई कर दी है। एक इंटरव्यू में जयराम ने राहुल गांधी की चुनावी रणनीति पर सवाल उठा दिया है। उन्होंने कहा, 'अगर मोदी 2014 का चुनाव हारते हैं तो उनकी कहानी खत्म हो जाएगी। उनका गुब्बारा फूट जाएगा। लेकिन राहुल गांधी अगले चुनाव में अच्छा नहीं कर पाते हैं तो भी वह जमे रहेंगे। लेकिन मुझे इस बात को लेकर निराशा है कि वे (राहुल गांधी) बहुत आगे की सोचते हैं। वह संगठन, सिस्टम के बारे में बात करते हैं। वह कांग्रेस को लंबे समय में बनाने-सुधारने की बात करते हैं जबकि हमारे सामने चुनौती तुरंत चुनाव लड़ने की है। निश्चय ही मोदी को हमें रोकना होगा। हम उन्हें यूं नहीं टाल सकते हैं।'
जयराम रमेश ने राहुल गांधी के ज्यादा बात न करने या प्रेस कॉन्फ्रेंस न करने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, 'निश्चित रूप से अब तक राहुल गांधी भी बहुत कम्युनिकेटिव (अपनी बात को ज्यादा न रखने वाले) साबित नहीं हुए हैं।' रमेश यहीं नहीं रुके। उन्होंने सितंबर में राहुल गांधी के उस स्टैंड को 'बड़ा नाटक' करार दिया है, जिसमें उन्होंने नेताओं को दो साल या उससे ज्यादा की सज़ा मिलने पर उनकी विधानभवनों या संसद की सदस्यता खत्म किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के अपनी ही सरकार के अध्यादेश को बकवास करार दिया था। हालांकि, रमेश का कहना है कि वे भी उस अध्यादेश के हक में थे। रमेश इसे कांग्रेस में पीढ़ी परिवर्तन की मिसाल के तौर पर देखते हैं। 
 
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रमेश ने कांग्रेस को हाथी और बीजेपी को लोमड़ी करार दिया है। एक इंटरव्यू में रमेश ने इशारों में मोदी की तुलना जर्मनी के पूर्व तानाशाह हिटलर से की है। 
 
इस बीच, एनडीए में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उनकी आलोचना की है। सामना में छपे संपादकीय में कहा गया है कि कुछ लोग समान नागरिक संहिता, धारा 370 और राम मंदिर जैसे मुद्दों को दरकिनार कर रहे हैं (आगे की स्लाइड में विस्तार से पढ़िए)। कांग्रेस के रणनीतिकार भी इन्हीं मुद्दों को लेकर बीजेपी को घेरने की तैयारी कर रहे हैं।