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सुहागिनों का सबसे बड़ा पर्व करवा चौथ आज


सुहागिनों का सबसे बड़ा पर्व करवा चौथ मंगलवार को है। महिलाओं ने इसे मनाने के लिए जबरदस्त तैयारी की है। इस मौके पर सजना को रिझाने के लिए सजनी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। वैसे तो सजने-संवरने का सिलसिला कई दिनों से चल रहा है । निर्जला व्रत की परीक्षा है, लेकिन सुहागिनों के उत्साह में इससे कोई फर्क नहीं दिख रहा।
हर उम्र की सुहागिने इस पर्व पर व्रत रखकर अपने जीवन साथी की दीर्घायु की कामना करती है। साथ ही इस दिन साल के हर दिन से सुंदर दिखने की होड़ भी सुहागिनों में है। सोमवार को बाजारों में मेहंदी लगवाने और श्रृंगार सामग्री खरीद की धूम मची रही। बिछिया, पायल, मंगलसूत्र आदि की जमकर खरीददारी हुई। साड़ियां भी जमकर बिकीं। ब्यूटी पार्लरों पर भीड़ का आलम इस कदर रहा कि तमाम महिलाओं ने आपस में ही एक-दूसरे के हाथों पर मेहंदी लगाई।
गर्भवती न रखें निर्जला व्रत
नवगछिया के प्रख्यात पंडित शिव शंकर ठाकुर का कहना है कि गर्भवती महिलाएं निर्जला व्रत कतई न रखें। इससे उनके शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक है।
रात 8.15 बजेगा उदय होगा चंद्रमा
ज्योतिषाचार्य पंडित शिव शंकर ठाकुर ने बताया कि चंद्रमा रात 8.15 बजे निकलेगा। उन्होंने बताया कि सुहागिन महिलाएं प्रात: उठकर पति की दीर्घायु एवं पुत्र-पुत्रियों के सुरक्षित जीवन की कामना का संकल्प लें। दिन भर निर्जला व्रत रहकर सायंकाल शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय का पूजन करें। चंद्रमा को अ‌र्घ्य देकर जल ग्रहण करें।
पति-पत्नी के आपसी विश्वास का प्रतीक
नवगछिया जागृति मंच की अध्यक्षा वीणा सर्राफ कहती हैं कि करवा चौथ का व्रत पति-पत्‍‌नी के आपसी विश्वास और प्रेम का प्रतीक है।
वहीं मंच की सचिव बबीता वर्मा का कहना है कि करवाचौथ पर निर्जला व्रत रहना पति के प्रति प्रेम को दर्शाता है।
कंचन सिंघानियाँ, शालिनी चौधरी, ममता पंसारी, नूतन देवी, संगीता सर्राफ इत्यादि इस व्रत को परंपरा के साथ अपना फर्ज भी मानती हैं। ये कहती हैं कि करवा चौथ हमें संस्कृति से भी जोड़ती है। इसे लेकर वे बेहद उत्साहित हैं।