राजस्थान पुलिस ने पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने के आरोप में एक सेना लिपिक को गिरफ्तार किया है.
राजस्थान पुलिस की गुप्तचर इकाई ने सेना के दक्षिण पश्चिम कमांड में आपूर्ति खंड में काम कर रहे लिपिक बीके सिन्हा को पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (गुप्तचर) दलपत सिंह दिनकर ने बताया कि सेना के दक्षिण पश्चिम कमांड में आपूर्ति खंड में काम कर रहे बीके सिन्हा 2010-2011 से आईएसआई को सेना के बारे में सूचनाएं पहुंचा रहा था. असम के करीमगंज के रहने वाला सिन्हा वर्ष 2011 में पदोन्नत होकर जयपुर आया था.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने सिन्हा को 14 मई को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया और अगले दिन 15 मई को उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 3 और 3:9 के तहत गिरफ्तार कर सम्बधित अदालत में पेश किया.
अदालत ने बीके सिन्हा को पूछताछ के लिए सात दिन के लिए पुलिस को सौंप दिया. पुलिस से सिन्हा के मकान से भी सेना सम्बधी दस्तावेज जब्त किये हैं.
दिनकर के अनुसार, गिरफ्तार आईएसआई एजेंट बीके सिन्हा 2010-2011 में सिलीगुड़ी में एक पूर्व सैन्यकर्मी के सम्पर्क में आने के बाद आईएसआई से जुड़ गया और तभी से सेना के दस्तावेज और जरूरी जानकारियां नेपाल स्थित आईएसआई एजेंट तक पहुंचाता था.
राजस्थान पुलिस की गुप्तचर इकाई ने सेना के दक्षिण पश्चिम कमांड में आपूर्ति खंड में काम कर रहे लिपिक बीके सिन्हा को पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (गुप्तचर) दलपत सिंह दिनकर ने बताया कि सेना के दक्षिण पश्चिम कमांड में आपूर्ति खंड में काम कर रहे बीके सिन्हा 2010-2011 से आईएसआई को सेना के बारे में सूचनाएं पहुंचा रहा था. असम के करीमगंज के रहने वाला सिन्हा वर्ष 2011 में पदोन्नत होकर जयपुर आया था.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने सिन्हा को 14 मई को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया और अगले दिन 15 मई को उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 3 और 3:9 के तहत गिरफ्तार कर सम्बधित अदालत में पेश किया.
अदालत ने बीके सिन्हा को पूछताछ के लिए सात दिन के लिए पुलिस को सौंप दिया. पुलिस से सिन्हा के मकान से भी सेना सम्बधी दस्तावेज जब्त किये हैं.
दिनकर के अनुसार, गिरफ्तार आईएसआई एजेंट बीके सिन्हा 2010-2011 में सिलीगुड़ी में एक पूर्व सैन्यकर्मी के सम्पर्क में आने के बाद आईएसआई से जुड़ गया और तभी से सेना के दस्तावेज और जरूरी जानकारियां नेपाल स्थित आईएसआई एजेंट तक पहुंचाता था.