बिहार के मधेपुरा में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री 'विद्युत रेल
इंजन कारखाना' तथा मढौरा में डीजल रेल इंजन कारखाना लगाने का रास्ता साफ हो
गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इनके प्रस्तावों को मंजूरी दे दी
है, ताकि
इन परियोजनाओं को शुरू करने के लिए नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ हो सके।
वित्तमंत्री पी विदंबरम ने मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि ये दोनों कारखाने क्रमश: 1293 करोड़ 57 लाख तथा 2052 करोड़ 58 लाख रूपए की लागत से खोले जाएंगे।
इसके लिए रेलवे बजट में प्रावधान किए गए हैं। रेलवे मंत्रालय इन दोनों कारखानों को संयुक्त उद्यम से लगाएगा। इसके लिए अन्तरराष्ट्रीय नीलामी की जाएगी और इंजन बनाने वाली कंपनियों का चुनाव किया जाएगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के तीन महीने भीतर यह नीलामी की जाएगी। वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह ने गत 22 अप्रैल को इन कारखानों की स्थापना के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया था।
इस प्रस्ताव के तहत दस साल के भीतर 12 हजार हार्स पावर के 800 बिजली इंजन तथा 6000 हार्स पावर के 4500 रेल इंजन बनाए जाएंगे।
इन परियोजनाओं को शुरू करने के लिए नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ हो सके।
वित्तमंत्री पी विदंबरम ने मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि ये दोनों कारखाने क्रमश: 1293 करोड़ 57 लाख तथा 2052 करोड़ 58 लाख रूपए की लागत से खोले जाएंगे।
इसके लिए रेलवे बजट में प्रावधान किए गए हैं। रेलवे मंत्रालय इन दोनों कारखानों को संयुक्त उद्यम से लगाएगा। इसके लिए अन्तरराष्ट्रीय नीलामी की जाएगी और इंजन बनाने वाली कंपनियों का चुनाव किया जाएगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के तीन महीने भीतर यह नीलामी की जाएगी। वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह ने गत 22 अप्रैल को इन कारखानों की स्थापना के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया था।
इस प्रस्ताव के तहत दस साल के भीतर 12 हजार हार्स पावर के 800 बिजली इंजन तथा 6000 हार्स पावर के 4500 रेल इंजन बनाए जाएंगे।