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जेवीजी का सीएमडी हजार करोड़ की ठगी में गिरफ्तार


जेवीजी ग्रुप का सीएमडी विजय कुमार शर्मा एक बार फिर पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। इस बार उस पर वियान इंफ्रास्ट्रक्चर तथा पीएसजी डेवलपर्स एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड नामक कंपनियों में निवेश पर
मोटे ब्याज का झांसा देकर कई सौ करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है।
दो साल पूर्व भगोड़ा घोषित विजय की गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये इनाम रखा था। क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे मर्सिडीज कार में भैरों रोड पर पकड़ा। तलाशी में उसके कब्जे से लाइसेंसी पिस्टल भी बरामद हुई है। इससे पूर्व जेवीजी ठगी मामले में दिल्ली पुलिस ने उसे 1999 में मुंबई से गिरफ्तार किया था।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र यादव (क्राइम ब्रांच) के अनुसार, 16 माह जेल में बिताने के बाद सुप्रीम कोर्ट से विजय शर्मा को जमानत मिल गई थी। जेल से बाहर आने के बाद उसने वर्ष 2005- 2006 में दो अन्य कंपनियों के माध्यम से लोगों से ठगी शुरू कर दी। उसने लोगों को सस्ते भूखंड देने का झांसा देकर करोड़ों रुपये हड़पे और गायब हो गया। विजय के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में धोखाधड़ी के करीब दस मामले दर्ज हुए। 2 मई, 2011 को एक अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख का इनाम घोषित किया। इधर, जेवीजी मामले में शर्मा के अदालत में पेश न होने पर अप्रैल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी जमानत खारिज कर उसे अदालत के समक्ष सरेंडर करने का आदेश दिया था, लेकिन वह भूमिगत ही रहा। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त भीष्म सिंह की देखरेख में एसीपी होशियार सिंह की टीम ने सोमवार को उसे प्रगति मैदान के समीप भैरों रोड से दबोचा। बरामद कार विजय शर्मा की पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड है। अतिरिक्त आयुक्त रविंद्र यादव के अनुसार, विजय शर्मा पर लाखों निवेशकों से करीब 1000 करोड़ की ठगी का अनुमान है।