सुप्रीम कोर्ट ने लाल बत्ती के बेजा
इस्तेमाल पर बुधवार को कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने बेहद तल्ख लहजे में कहा
कि आम लोग, लाल बत्ती से नफरत करने लगे हैं। कोर्ट ने सुझाव दिया है कि
लाल बत्ती के इस्तेमाल का हक सरकार के चुनिंदा विभागों को ही होना चाहिए।
कोर्ट ने ये भी कहा है कि वीआईपी सुरक्षा भी सिर्फ संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को मिलनी चाहिए।
कोर्ट ने ये भी कहा है कि वीआईपी सुरक्षा भी सिर्फ संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को मिलनी चाहिए।
सर्वोच्च
न्यायालय ने वीआईपी सुरक्षा हासिल करने की मानसिकता पर कड़ी टिप्पणी की।
कोर्ट ने कहा कि लाल बत्ती के इस्तेमाल का हक सिर्फ संवैधानिक पद पर बैठे
लोगों, सेना, पुलिस, एंबुलेंस और दमकल विभाग को मिलना चाहिए। वीआईपी
सुरक्षा सिर्फ उनको मिलनी चाहिए जिनकी जान को खतरा हो। सुरक्षा सिर्फ एक
समय सीमा के तहत मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक ऐसे
सैकड़ों लोगों को वीआईपी सुरक्षा हासिल है जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पंजाब में 65, मध्य प्रदेश में 61, गुजरात में 45 और बिहार में ऐसे 43
आरोपियों को वीआईपी सुरक्षा दी गई है।
गैर-जरूरी
वीआईपी सुरक्षा रद्द किए जाने की मांग करने वाली इस याचिका को सुप्रीम
कोर्ट ने बड़ी संजीदगी से लिया है। मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी
रहेगी।