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श्री मदभागवत कथा के सुनने मात्र से मिलता है मोक्ष


श्री मदभागवत कथा के सुनने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है | राजा परीक्षित का उदाहरण इसका प्रमाण है | क्योंकि हर जीव इस कथा के रस को पी सकता है |  हर जीव के अंदर परमात्मा विराजमान रहते हैं | इस कथा की महत्ता ही है मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रदर्शित करना |
उपरोक्त रहस्य का खुलासा नवगछिया स्थित इंटर स्तरीय विद्यालय में आयोजित श्री मदभागवत कथा के व्यास गद्दी का उदघाटन करने के दौरान महंत श्री सीताराम शरण जी महाराज उर्फ सुधीर बाबा ने मंगलवार की शाम किया |  जिसका स्वामी आगमानंद जी महाराज द्वारा बाद में विस्तार से वर्णन किया गया |
साथ ही स्वामी आगमानंद जी महाराज ने यह भी बताया की सम्पूर्ण भागवत कथा ही भक्तिमय है | जिसमें भक्त, भक्ति, भगवंत और गुरु की जानकारी समाहित है | जिसकी व्याख्या व्यास मुनि भी करते हुए बताते हैं कि कितनी कम उम्र में ही भक्त ध्रुव और प्रह्लाद ने अपनी भक्ति के बल पर भगवंत की प्राप्ति कर ली थी |
इसके साथ ही स्वामी आगमानंद जी महाराज ने "ईश्वर अंश जीव अविनाशी, चेतन अमर सकल सुख राशि " की भी कथा मंच से विस्तृत व्याख्या की | इस दौरान स्वामी जी ने यह भी बताया कि इस कथा का सकारात्मक प्रभाव कब और कहाँ तथा कैसे पड़ता है |
वहीं यह भी बताया कि हर बच्चे का नाम काफी सोच समझ कर रखना चाहिए | उन्होने सलाह भी दी बच्चों के नामकरण में हमेशा सावधानी रखनी चाहिए | क्योंकि हर किसी के नाम का  क्या और कैसा असर होता है | जिसका उन्होने उदाहरण के साथ विस्तृत वर्णन किया |
इस दौरान बीच बीच में जरा सी दृष्टि अगर मनमोहन एक बार हो जाये, मैं इस संसार के जंजाल से भाव पार हो जाऊँ, इत्यादि जैसे कई सुमधुर संगीत के माध्यम से भी स्वामी आगमानंद जी ने भक्त और भगवान के बीच भक्ति के महत्व से ओत प्रोत कर दिया | जिसकी मस्ती में सभी श्रद्धालु खूब झूमे |
मौके पर बीच बीच में आकाशवाणी के तथा स्थानीय कलाकारों द्वारा भी "जी लेंगे सरकार तेरी सरकारी में, रख लेना घनश्याम अपनी दरबारी में" इत्यादि से श्रद्धालुओं को मस्त कर दिया |