नेपाल के प्रधान न्यायाधीश खिल राज रेगमी ने बृहस्पतिवार को नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली. इसके साथ ही देश में बीते कई महीनों से चला आ रहा राजनीतिक और
संवैधानिक संकट खत्म हो गया. यहां 21 जून से पहले आम चुनाव कराए जाने का
फैसला भी हुआ है.
यहां के चार प्रमुख राजनीतिक दलों यूसीपीएन-माओवादी, नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल और ज्वाइंट मधेसी फ्रंट ने बुधवार को मैराथन बैठक के बाद प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व में अंतरिम निर्वाचन सरकार गठित करने पर अंतिम फैसला किया. इसी के बाद बृहस्पतिवार को 63 साल के रेगमी ने शपथ ली.
इन दलों के बीच सहमति बनी है कि इसी सरकार के तहत जून में देश में चुनाव होगा और प्रतिकूल परिस्थितियों की स्थिति में इस तिथि को नवम्बर तक बढ़ाया सकता है. राष्ट्रपति रामबरन यादव ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में रेगमी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
रेगमी ने दो पूर्व नौकरशाहों को अपनी कैबिनेट में जगह दी है. माधव घिमिरे को गृह एवं विदेश मंत्री और हरि प्रसाद न्यूपाने को कानून एवं श्रम मंत्री बनाया गया है. शपथ लेने के कुछ देर बाद ही रेगमी ने पदभार संभाल लिया.
उनके नेतृत्व में हुई नई कैबिनेट की पहली बैठक में भरोसा दिया गया कि देश में तय समयसीमा के भीतर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे. रेगमी ने प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई की जगह ली है. मुख्य दलों के बीच बुधवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी.
यहां के चार प्रमुख राजनीतिक दलों यूसीपीएन-माओवादी, नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल और ज्वाइंट मधेसी फ्रंट ने बुधवार को मैराथन बैठक के बाद प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व में अंतरिम निर्वाचन सरकार गठित करने पर अंतिम फैसला किया. इसी के बाद बृहस्पतिवार को 63 साल के रेगमी ने शपथ ली.
इन दलों के बीच सहमति बनी है कि इसी सरकार के तहत जून में देश में चुनाव होगा और प्रतिकूल परिस्थितियों की स्थिति में इस तिथि को नवम्बर तक बढ़ाया सकता है. राष्ट्रपति रामबरन यादव ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में रेगमी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
रेगमी ने दो पूर्व नौकरशाहों को अपनी कैबिनेट में जगह दी है. माधव घिमिरे को गृह एवं विदेश मंत्री और हरि प्रसाद न्यूपाने को कानून एवं श्रम मंत्री बनाया गया है. शपथ लेने के कुछ देर बाद ही रेगमी ने पदभार संभाल लिया.
उनके नेतृत्व में हुई नई कैबिनेट की पहली बैठक में भरोसा दिया गया कि देश में तय समयसीमा के भीतर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे. रेगमी ने प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई की जगह ली है. मुख्य दलों के बीच बुधवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनी.