
पूर्णिमा पर शाही स्नान नहीं होता है। इसके साथ आज से ही 1 महीने का कल्पवास भी शुरू हो जाता है।
स्नान के लिए श्रद्धालु शनिवार शाम से ही संगम तट पर जुटने शुरू हो गए थे। इसमें काफी तादाद में विदेशी श्रद्धालु भी थी। भोर होते से लोगों ने संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाना शुरू कर दिया। महाकुंभ में एक महीने के कल्पवास के लिए आए दस लाख कल्पवासी भी महास्नान कर रहे हैं। महास्नान के लिए सुरक्षा के जबर्दस्त बंदोबस्त किए गए हैं। करीब 13 हजार सुरक्षाकर्मियों को संगम तट के आसपास व्यवस्था संभालने का जिम्मा सौंपा गया है।
क्यों खास है पौष पूर्णिमा का स्नानः पौष माह की पूर्णिमा के स्नान का बड़ा महत्व हैं। यह पौष माह का आखिरी दिन है और इस दिन के स्नान के साथ एक महीने तक चलने वाला माघ स्नान प्रारंभ हो जाता है। इस दिन देश भर में श्रद्धालु देश भर में गंगा और यमुना में स्नान करने जाते हैं और सूर्य को जल चढ़ाते हैं। शिव मंदिर में स्थित शिवलिंग पर भी जल चढ़ाकर साधना की जाती है। धर्म स्थलों पर रामायण, भगवद् गीता जैसे धर्म शास्त्रों का पठन-पाठन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं।