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ग्रामीण अनाज बैंक खोलने की योजना रह गयी कागजों में ही

भागलपुर जिले में 20 ग्रामीण अनाज बैंक खोलने की योजना कागजों में ही रह कर सिमट गई। जो वर्ष 2008 में आई थी। मार्च 2009 में राशि आवंटित कर दी गई थी। ग्रामीण अनाज बैंक खोलने की दिशा में तमाम सरकारी प्रयत्न किए गए मगर, राज्य खाद्य निगम से ग्रामीण अनाज बैंक को चावल ही नहीं मिला।
चावल की खरीद के लिए मिली सरकारी राशि संबंधित अनुमंडलों के बीच बांट दी गई। पैसा उपलब्ध होने के
बावजूद एसएफसी (राज्य खाद्य निगम) से चावल नहीं मिला। एसएफसी का तर्क है, उन्हें एफसीआइ (भारतीय खाद्य निगम) से इस योजना में चावल नहीं मिला। अब प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम ने सरकार से मिले 2.44 लाख रुपये वापस करने का निर्देश दिया है।
इस मामले में  प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम के अनुसार बीते गुरुवार को ग्रामीण अनाज बैंकों की समीक्षा की गई थी। समीक्षा में पता चला, राशि तो मिल गई मगर, अनाज बैंक नहीं खुले। इसीलिए डीएसओ को आदेश दिया गया है, राशि को एसडीओ से वापस लेकर सरकार को भेज दें।
ग्रामीण अनाज बैंक स्थापित करने का उद्देश्य प्राकृतिक आपदा के दौरान गरीबों को अनाज मुहैया कराना था। ताकि वे भूखे न मर सके।ग्रामीण अनाज बैंकों की स्थापना के लिए गांव और पंचायतें भी तय कर ली गई थीं। प्रत्येक अनाज बैंक से 40 लाभुकों को जोड़ा गया था। कहलगांव में पांच और नवगछिया में 15 बैंक खुलने थे।
नवगछिया अनुमंडल पदाधिकारी को 1.83 लाख और कहलगांव के एसडीओ को 61 हजार रुपये दिए गए। यह राशि 25 मार्च 2009 को दी गई थी। 31 मार्च 2009 को नवगछिया के हिस्से में 600 क्विंटल और कहलगांव के हिस्से में 200 क्विंटल खाद्यान्न का आवंटन किया गया। नवगछिया के एसडीओ ने अपने आवंटन से खरीक को 80, नवगछिया को 120, इस्माइलपुर को 160, गोपालपुर को 80, रंगरा को 120 तथा नवगछिया को 40 क्विंटल चावल का आवंटन किया।
जानकारी के अनुसार ये ग्रामीण अनाज बैंक खरीक के लोकमानपुर,  ढोढिया, नवगछिया के ढोलबज्जा, खैरपुर कदवा, पुनामा प्रताप नगर,  इस्माइलपुर के परबत्ता, नारायणपुर लक्ष्मीपुर, पूर्वी टोला, पश्चिमी टोला, गोपालपुर के सैदपुर,  बाबूटोला, रंगरा के जहांगीर बैसी,  कोशकीपुर, तिनटंगा, नारायणपुर के वैकटपुर दुधैला, सन्हौला के अमडीहा में दो, पीरपैंती के रानी दियारा ,  एकचारी दियारा में दोजगहों पर खुलना था |