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छठ हादसे के लिए जिम्मेदार कौन, CM ने दिए जांच के आदेश

छठ हादसे के लिए जिम्मेदार कौन, CM ने दिए जांच के आदेश
छठ पूजा पर अदालत घाट पर मचे भगदड़ में मारे गए लोगों की तादाद कम हो सकती थी। अगर उन्हें सही वक्त पर इलाज मिल गया होता। बिहार सरकार और प्रशासन पर ये आरोप लगा रहे हैं स्थानीय लोग। लोगों के इन आरोपों में दम भी है क्योंकि बांस का अस्थाई पुल बनाने से लेकर घायलों के इलाज में हर कदम पर प्रशासन की लापरवाही खुलकर सामने आई।
पुलिस और प्रशासन के लोग हादसे की जगह घंटे भर
की देरी से पहुंचे। इसके बाद जब घायल राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल यानी पीएमसीएच पहुंचे तो उन्हें ना तो वहां डॉक्टर मिले और ना ही जरूरी सुविधाएं।
छठ की छुट्टी के चलते पीएमसीएच के ज्यादातर डॉक्टर छुट्टी पर थे। लिहाजा घायलों का इलाज करने वाला वहां कोई नहीं था। हादसे की जानकारी होते ही आनन-फानन में पीजी हॉस्टल के छात्रों को बुलाया गया। जिन्होंने घायलों के इलाज की कमान संभाली।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने जिंदा लोगों को भी मुर्दा घोषित कर दिया। दो बच्चे जिन्हें अस्पताल प्रशासन ने मरा हुआ घोषित कर दिया था वो बाद में जिंदा पाए गए। इसके बाद बच्चों के घरवाले उन्हें पीएमसीएच से लेकर निजी अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। ये जानकारी मिलते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज लोगों ने पीएमसीएच के बाहर नारेबाजी और आगजनी शुरू कर दी।
अदालत घाट से लेकर पीएमसीएच और दूसरे निजी अस्पतालों तक हर कहीं लोग प्रशासन और नीतीश सरकार को कोसते नजर आए। राजधानी पटना में हुए इस हादसे के बाद नीतीश सरकार पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
छठ पूजा के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए? प्रशासन ने भीड़ का अंदाजा क्यों नहीं लगाया? बांस के पुल पर ज्यादा लोगों को जाने की इजाजत क्यों दी गई? भगदड़ मचने के बाद देर से क्यों जागा प्रशासन?
एंबुलेंस पहुंचने में आधे घंटे से ज्यादा वक्त क्यों लगा? आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल में कोई तैयारी क्यों नहीं थी? इमरजेंसी के लिए डॉक्टरों की तैनाती क्यों नहीं की गई थी?
सवाल बेहद गंभीर हैं और जवाब किसी का नहीं। मुख्यमंत्री ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। लेकिन इतने भर से लोगों की नाराजगी नहीं खत्म होगी। जब तक इस हादसे के जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती इस हादसे के जख्म पीड़ितों को टीस देते रहेंगे।