दुष्कर्म के एक अपराध में अपरसत्र न्यायाधीश प्रथम नवगछिया, विजय कुमार सिंहा की अदालत ने सोमवार को बिहपुर थाना क्षेत्र के जमालपुर निवासी दीपक रजक पिता कनिक लाल रजक को सात वर्ष के सश्रम कारावास तथा पाच हजार के आर्थिक दंड की सजा सुनाई।
यह वारदात 11 दिसम्बर 2010 को हुई थी। जिसकी प्राथमिकी पीडि़ता
हेमा कुमारी के पिता परमानंद दास ने बिहपुर थाना में काण्ड संख्या 409/10 के तहत दर्ज कराई थी । प्राथमिकी के अनुसार पीडि़ता जमालपुर मध्य विद्यालय में वर्ग छह की छात्र थी । स्कूल के रसोई घर में ताला लगाने के बहाने दीपक रजक ने घिनौना कार्य किया । न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान धारा 376, भारतीय दण्ड विधान के तहत यह सजा सुनायी। साथ ही पांच हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना की 75 प्रतिशत राशि पीडि़ता को देने का आदेश दिया गया है। इससे पहले अभियोजन पक्ष की ओर 17 लोगों की गवाही हुई । सरकार की ओर अपरलोक अभियोजक शंभूनाथ सिंह ने बहस की। जबकि विपक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेन्द्र प्रसाद यादव ने बहस की।