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बिहार में पान मसाला और जर्दा पर भी लगेगी रोक

गुटखे पर प्रतिबंध के बावजूद प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पाने से चिंतित बिहार सरकार अब पान मसाला और तम्बाकू के अलग-अलग उपयोग पर भी रोक लगाने के तरीके खोज रही है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने जनता दरबार के बाद पूछे गए एक सवाल पर कहा कि पान मसाला और जर्दा अलग-अलग खरीद कर किए जाने वाले इस्तेमाल को कैसे प्रतिबंधित किया जाए सरकार इसपर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि
तंबाकू उत्पाद से होने वाले नुकसान को देखते हुए सरकार तंबाकू पर टैक्स बढ़ाने के साथ नियंत्रण पर सख्ती भी बढ़ाएगी।
श्री मोदी ने कहा कि टैक्स बढ़ाने का मकसद यह है कि अधिक कीमत की वजह से लोग इसका कम इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि तंबाकू पर नियंत्रण सिर्फ कानून बनाने से नहीं होगा, सामाजिक चेतना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए 7 नवंबर को सभी निजी और सरकारी विद्यालयों में बच्चों को तंबाकू उत्पाद का सेवन नहीं करने की प्रतिज्ञा दिलाई जाएगी। वे खुद भी सबसे इसका सेवन छोड़ने का अनुरोध करेंगे। तंबाकू उत्पादन करने वाले किसानों के बीच अभियान चलाकर उन्हें वैकल्पिक खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा।
उनके मुताबिक देश में हर साल 80 हजार लोगों की मौत कैंसर से होती है। इसकी बड़ी वजह तंबाकू है। बिहार तंबाकू उत्पाद के खपत के मामले में देश में छठे स्थान पर है। पहले से पांचवें पायदान पर पूर्वोत्तर के छोटे, छोटे राज्य हैं। इस तरह बड़े राज्यों में बिहार तंबाकू सेवन के मामले में पहले नंबर पर है। तंबाकू का सेवन लोग कम करें इसी को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए गए हैं। इस पर टैक्स की दर को 13.50 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद कर दिया गया है।