
इस मौके पर भंते ने उपकारा में
कैदियों के बाद अधिवक्ता संघ भवन में अधिवक्ताओं को भी इस विषय में जानकारी दी। साथ ही साथ हाथ की सफाई के कई नमुने भी पेश किये। जिसे देख उपकारा में कैदी और अधिवक्ता संघ भवन में अधिवक्ता काफ़ी आश्चर्य चकित हो गये। साथ ही नवगछिया उपकारा में बंद कई कैदियों ने माना कि डायन भूत-प्रेत का कोई अस्तित्व नहीं है।
श्रीभंते ने बताया कि डायन भूत-प्रेत का विश्वास कर लोग एक महिला को जबरिया डायन करार देकर उसके सिर के बाल बनवा कर उसे नंगा किया था। इतना ही नहीं उसे मैला भी पिला दिया गया था। जो सभ्य समाज के माथे पर एक कलंक के समान है।