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शारदीय नवरात्र कल से

मंगलवार से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है। बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है। दुकानदारों ने पूजन से लेकर व्रत में प्रयोग होने वाली सामग्री दुकान में सजा ली है। नवरात्र से पूर्व शहर से लेकर गांव तक देवी स्थलों की सफाई रंगाई पुताई की गई।
आठ दिन के होंगे शारदीय नवरात्र
आचार्य पं. शिव शंकर ठाकुर बताते हैं के इस बार शारदीय नवरात्र आठ दिन के हैं। एक तिथि की हानि है, देवी मां के भक्त मंगल को सुबह साढ़े आठ बजे के बाद कलश स्थापना करें।
इस समय तक चित्रा नक्षत्र रहेगा। इसके बाद स्वाती नक्षत्र लगेगा, नक्षत्र बदलने के बाद ही भक्त घरों व मंदिरों में कलश स्थापना करें। कलश स्थापना में तांबे या मिटटी से बने कलश का ही प्रयोग करें। कलश में शुद्ध जल, , आम का पल्लव उसके ऊपर जौ या चावल भरा कटोरा फिर दिया रखे। स्नान के बाद शुद्ध पूजन सामाग्री के साथ मां की आराधना विधि विधान के अनुसार करें। प्रत्येक तिथि के लिए मां के विग्रह का पूजन निर्धारित है। व्रत करने में पूर्ण संयम व नियम शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक है। पूजन शुरू करने में संभव हो तो आचार्य या पुरोहित का सहयोग लिया जा सकता है। उनकी बताई विधि के अनुसार ही पूजन करना चाहिए। पूजन व व्रत की पूर्णाहुति भी विधि विधान से होनी चाहिए। तभी व्रत पूजा का वांछित लाभ होता है।