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बिहार में नहीं होगा चुनाव पूर्व गठबंधनः कांग्रेस

कांग्रेस ने बिहार में पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार के बाद अगले लोकसभा चुनाव के दौरान अन्य दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना को मंगलवार को खारिज कर दिया. कांग्रेस ने भविष्य में सभी तरह के चुनाव अपने बलबूते पर लड़ने का निर्णय किया है.

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी गुलचैन सिंह चारक ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस किसी भी दल के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं करेगी और भविष्य में सभी तरह के चुनाव अपने बलबूते पर ही लड़ेगी. उन्होंने अपने पूर्व घटक दलों राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से किसी भी तालमेल की बात से इंकार करते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने बिहार में होने वाले चुनावों में अकेले लड़ने का नीतिगत फैसला लिया है. इसलिए कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव अपने बलबूते लड़गी.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेसनीत केंद्र की वर्तमान संप्रग-2 सरकार को राजद और लोजपा बाहर से समर्थन कर रही है. चारक ने कहा कि उनकी पार्टी सभी समान विचाराधारा वाली पार्टियों के साथ चुनाव बाद गठबंधन बनाने के बारे में खुला विचार रखती है, लेकिन यह जनादेश के आधार पर उत्पन्न होने वाले राजनीतिक हालात पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि बिहार के मतदाताओं ने महसूस कर रहे हैं कि क्षेत्रीय दलों ने उन्हें केवल ‘लॉलीपॉप’ दिया है, लेकिन कांग्रेस ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो कि उनकी समस्याओं का निदान कर सकती है.
चारक ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए विभिन्न जिलों में आयोजित अधिकार सम्मेलनों के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनसभाओं में लोगों के विरोध-प्रदर्शन ने यह जता दिया है कि दूसरी बार लगातार प्रदेश की सत्ता में आयी राजग सरकार से उनका मोहभंग हो चुका है. उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि आलाकमान से ऐसा कोई ऐसा निर्देश मिला है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस द्वारा केंद्र की संप्रग सरकार के विरूद्ध लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर बिहार में सत्ताधारी पार्टी जदयू के 20 सांसदों का समर्थन हासिल करने का रास्ता खुला रखने को लेकर प्रदेश की नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ आंदोलन करने से परहेज करें. चारक ने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से सहमति प्राप्त होने के बाद उनके दल ने हाल ही में प्रदेश की राजग सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में पोल-खोल अभियान चलाया था.
बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग और इसको लेकर प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को सौंपे गए प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर चारक ने कहा कि इस संबंध में केंद्र की संप्रग सरकार तय मापदंडों के आधार पर उचित निर्णय लेगी. हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल के बावजूद बिहार का प्रतिनिधित्व नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर गुलचैन सिंह चारक ने कहा कि यह तो प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है कि वे किसे अपने मंत्रिमंडल में शामिल करते हैं. बिहार में कांग्रेस सदस्यता अभियान की शुरुआत करते हुए चारक ने कहा कि उनकी पार्टी ने इस अभियान के तहत बूथ स्तर से राज्य स्तर पर एक करोड़ सदस्य बनाने का निर्णय लिया है, जो वर्ष 2015 में पार्टी के संगठनात्मक चुनाव में अपनी भूमिका निभा सकें.
वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महबूब अली कैंसर द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद खाली पड़े पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर किसी के अभी तक मनोनीत नहीं किए जाने के बारे में पूछे जाने पर चारक ने बिहार सहित देश के छह राज्यों में पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व शीघ्र ही फैसला करेगा.