
उनके मंत्री बनने से बिहार के लोगों में नए उत्साह का संचार देखा जा रहा है। मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल के दूसरे कार्यकाल में बिहार से अब तक कोई प्रतिनिधित्व नहीं था।
अनवर का जन्म बिहार के पटना में एक
स्वतंत्रता सेनानी परिवार में हुआ था। उनके दादा बैरिस्टर शाह जुबैर देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के निकट सहयोगी थे जबकि उनके पिता बिहार विधानसभा के सदस्य रहे थे। अनवर की शिक्षा-दीक्षा पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में हुई।
उन्होंने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की और 1972 में छात्र नाम की एक पत्रिका निकालनी शुरू की। बाद में वह पटना से प्रकाशित होने वाली साप्ताहिक पत्रिका युवक धारा के भी संपादक रहे। इसके बाद उन्होंने कई अन्य पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया।
अनवर वर्ष 1976 से 1981 तक बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उन्होंने अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में 19 सितम्बर 1982 से 24 अप्रैल 1985 तक कार्य किया। वह 05 मार्च 1988 से 07 मार्च 1989 तक बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष भी रहे।
अनवर बिहार के कटिहार से चार बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। वह 1980 से 1984 तक सातवीं लोकसभा तथा 1984 से 1989 तक आठवीं लोकसभा के सदस्य रहे। अगस्त 1987 से अप्रैल 1988 तक वह बोफोर्स तोप की खरीदारी में दलाली के आरोप की जांच के लिए गठित की गई। संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य भी रहे। 1996 से 1998 तक वह 11 वीं लोकसभा के सदस्य तथा 1998 से 1999 तक 12 वीं लोकसभा के सदस्य रहे। जुलाई 2004 में वह राज्यसभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद जुलाई 2010 में दूसरी बार वह राज्यसभा के सदस्य बने।
अनवर गांधी परिवार के बेहद करीब रहे और उन्हें सीताराम केसरी के कांग्रेस अध्यक्ष रहते समय उनका राजनीतिक सचिव भी बनाया गया था। लेकिन 25 मई 1999 को वह शरद पवार के नेतृत्व में गठित राकांपा के संस्थापक महासचिव बनाए गए इस समय वह राज्यसभा में राकांपा के नेता हैं।