
वैसे पहले ही ऐसे संकेत मिल चुके हैं कि सात सितंबर के बाद कभी भी पेट्रोल के दाम में वृद्धि की जा सकती है। तेल मार्केटिंग कंपनियों को हो रहे घाटे के मद्देनज़र इस पर विचार हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम बढ़ने से देसी कंपनियों को घाटा हो रहा है। जानकारों के अनुसार कंपनियां अब और घाटा उठाने को तैयार नहीं हैं। तेल मार्केटिंग कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को जहां पेट्रोल की बिक्री पर ४.८५ रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है,वहीं डीजल की बिक्री पर १९.२६ रुपये प्रति लीटर की दर से नुकसान हो रहा है।
वर्तमान दर पर, तीनों कंपनियों को 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष में करीब १ ,९२ ,९५१ करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। देश की राजधानी दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत ४१.२९ रुपये लीटर है। वहीं, यहां पेट्रोल का दाम ६८.४६ रुपये प्रति लीटर है।