नवगछिया अनुमंडल में अभी रोजना सिर्फ एक जगह पर हो रहे बचाव कार्य के नाम पर तकरीबन दो लाख का कार्य होता है। कार्य में लगे कुछ लोगों ने बताया कि रोजना वास्तव में 25 से 30 हजार का कार्य होता है, लेकिन कार्य को कागजी रूप दो लाख रुपये का दिया जाता है। ऐसे में कार्य पर लगे छोटे ठेकेदारों की भी चांदी है। शुक्रवार को ही राघोपुर में कार्य स्थल से कुछ दूरी पर ही मुर्गा भात बनाया जा रहा था। दूसरी तरफ गंगा अपने तटों को तेजी से काट रही थी। एक तरफ गांव के लोगों की हवाइयां उड़ रही थीं, तो दसरी तरफ कार्य पर लगे लोग मस्ताने आंदाज में निश्चिंत थे।