नवगछिया के पकरा स्कूल से निकलते वक्त छात्राओं ने जबरन मुख्यमंत्री से बात कर ही ली। वे मुख्यमंत्री की गाड़ी के आगे कूद पड़ी। इन छात्राओं का मैट्रिक का मूल प्रमाण पत्र आठ वर्ष से स्कूल से गायब है। इसके निदान में स्कूल प्रबंधन उनकी मदद करने की बजाय झूठ सिखाने की कोशिश कर रहा है। जहां हर कोई गुस्से में थी ।
हुआ यूँ कि सेवा यात्रा के दौरान नवगछिया के पकरा स्कूल से मंजूषा कला युक्त ग्रामीण उत्पादों को देखने के बाद निकलते वक्त मुख्यमंत्री का काफिला स्कूल गेट तक पहुंचा। सुरक्षा बल की दो गाडि़यां आगे निकल चुकी थी। मुख्यमंत्री की गाड़ी स्कूल के गेट पर पहुंची कि चार-पांच लड़कियां एकाएक गाड़ी के आगे कूद गई। काजल कुमारी, सपना कुमारी, वर्षा, चंदा आदि मुख्यमंत्री से कुछ कहना चाह रही थी और मुख्यमंत्री जिधर बैठे थे उधर लपक रही थी। पुरुष सुरक्षाकर्मियों से सजी मुख्यमंत्री का विशेष सुरक्षा दस्ता सकते में आ गया और लोग गाड़ी को घेर लिया, लड़कियों के आगे चट्टान से खड़े हो गये। पर, लड़कियों को नहीं हटाना सके। उनमें से एक ने महिला पुलिसकर्मियों को बुलाया, तब तक भागलपुर एसएसपी केएस अनुपम भी पहुंच गई। लड़कियों को जबरन हटाया जाता तब तक मुख्यमंत्री अपनी तरफ का शीशा उतार कर सुरक्षाकर्मियों को दूर हटाकर बच्चियों से बात की। बच्चियों ने बताया कि उन समेत तकरीबन डेढ़ सौ छात्र-छात्राओं का का मैट्रिक का मूल प्रमाण पत्र 2004 से ही स्कूल से गायब है। मूल प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण उन्हें आगे नामांकन, नौकरी आदि में परेशानी हो रही है। पटना से डुप्लीकेट निकालने के लिए जब प्रधानाध्यापक से आवेदन अनुमोदित कराने जाते हैं तो वे कहते हैं कि इसमें लिखो कि बाढ़ आया था और उसी में घर से मूल सर्टिफिकेट खो गया। यह बताते हुए दो बच्चियां रो पड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा वे इस मामले का निदान करा देंगे तब जाकर बच्चियां मानी। इस बीच अन्य लोग भी अपना आवेदन मुख्यमंत्री तक पहुंचाने में सफल रहे।