इस रविवार आमिर खान ने अपने साप्ताहिक शो सत्यमेव जयते स्वास्थ्य सेवाओं में धांधली का मामला उठाया।
उन्होंने इस शो में बताया कि किस तरह डॉक्टर मरीजों को बिना जरुरत दवाइयाँ दे रहे हैं या मरीजों का वह इलाज भी किया जा रहा है जिसकी उसे वास्तव में जरुरत है ही नहीं।सत्यमेव जयते के आज के एपीसोड में आमिर खान उन डॉक्टरों की करतूतों को उजागर कर रहे हैं जिनके पास इस उम्मीद से मरीज जाते हैं कि वह उनकी जान बचाएगा। वह डॉक्टर को भगवान मानते हैं लेकिन वहां जाते ही फंस जाते हैं एक यमराज के चंगुल में, जो बेवजह की जांच लिखकर उनको लूटता है। इस लूट के सारे रहस्यों पर से पर्दा उठा रहे हैं आमिर खान।
सभी तो नहीं लेकिन मेडिकल जैसे नेक पेशे में कुछ ऐसे डॉक्टर और हॉस्पिटल हैं जो अनैतिक तरीकों से मरीजों को लूटकर खूब पैसा बना रहे हैं।
इस एपीसोड में आमिर शो की शुरूआत करते हुए बोले, 'कहा जाता है हेल्थ इज वेल्थ। जान है तो जहान है। जिंदगी का मजा आप तभी ले सकते हैं जब आपकी सेहत ठीक हो। जिंदगी की कठिनाईयों से आप तभी जूझ सकते हैं जब सेहत आपके साथ हो। जब कभी हमारी सेहत खराब होती है तो हमारे लिए भगवान कौन होता है? हमारा मसीहा कौन होता है? एक डॉक्टर...'
इतना कहने के बाद ऑडियंस में बैठे उन यंगस्टर्स से उन्होंने बात करनी शुरू की जो डॉक्टर बनने की तैयारी में लगे हैं।
उनसे आमिर ने पूछा, 'मुझे बताईए कि क्यूं आपने फैसला किया कि आप डॉक्टर बनना चाहते हैं।'
एक युवा ने बताया कि वह इसीलिए डॉक्टर बनना चाहते हैं क्योंकि उनके गांव के लोगों की हेल्थ कंडीशन खराब है और उनकी सेवा वह करना चाहते हैं। होमोफीलिया के मरीज एक युवा ने कहा कि वह डॉक्टर बनकर यह दिखाना चाहते हैं कि जानलेवा बीमारी से जूझ रहे लोग भी देश के लिए कुछ कर सकते हैं।
इसके बाद शो में कुछ ऐसे मरीजों का किस्सा दिखाया गया जो डॉक्टरों की आतंक का शिकार हुए थे।
वेंकटेश के साथ किया डॉक्टर ने खिलवाड़
वेंकटेश के पैर में बालतोड़ फोड़ा होने के बाद वह डॉक्टर के पास गए। डॉक्टर ने उनको तुरंत एडमिट होने की सलाह दी और कहा कि ऐसा नहीं करेंगे तो पैर काटना पड़ेगा। डर के मारे वेंकटेश अस्पताल में भर्ती हुए और फौरन उनका ऑपरेशन हुआ। दूसरे ही दिन उनके पैर में इंफेक्शन हो गया। इसके कारण उनकी ऊंगली काटनी पड़ी।
लेकिन, मुसीबत वहीं खत्म नहीं हुई। पता चला कि डॉक्टर ने ऊंगली के ऑपरेशन के दौरान हड्डी का टुकड़ा अंदर छोड़ दिया था। बाद में उनको चार ऑपरेशन और करवाने पड़े जिसमें दो लाख खर्च हुए। वहीं उनको यह भी पता चला कि पहले ऑपरेशन की जरूरत ही नहीं थी क्योंकि वह एंटीबायोटिक और दवाई से ठीक हो सकता था।
वेंकटेश को अपनी ऊंगली गंवानी पड़ी और उनको चलने में भी परेशानी होती है।
15 रुपए के बदले डॉक्टर ने करवा दिया डेढ़ लाख खर्च
अरविंद उल्टियां आने के बाद डॉक्टर के पास चेकअप करवाने गए। बिना कुछ बताए डॉक्टर ने उनको तीन दिन आईसीयू में रखा और काफी महंगे टेस्ट करवाए। उनको एपेंडिक्स फूटने की बात कहने के बाद यह कहा गया कि अगर ऑपरेशन नहीं किया गया तो वह मर जाएंगे।
उनको यकीन नहीं हुआ और वह दूसरे हॉस्पिटल गए तो वहां जांच के बाद पता चला कि उनको एंपेडिक्स है ही नहीं। सारा खर्च लगभग डेढ़ लाख हुआ। अरविंद का कहना कि अगर वह ओआरएस का 15 रुपए का घोल पी लेते तो वह ठीक हो जाते।
आमिर खान ने विशेषज्ञों से चर्चा और उदाहरणों के जरिए बताया कि किस तरह संस्थाएँ अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रही हैं।
जबकि इससे पहले आमिर खान अपने शो सत्यमेव जयते में कन्या भ्रूण हत्या, बच्चों का यौन शोषण और दहेज का मुद्दा उठा चुके हैं।
इस शो में इस बार निजी मेडिकल कॉलेजों में डोनेशन का मामला भी उठाया गया। शो में मौजूद छात्रों ने बताया कि इन कॉलेजों में 60-60 लाख तक नक़द डोनेशन लिया जाता है।
शो में विशेष रुप से आमंत्रित डॉक्टर गुलाटी ने कहा कि सरकार की नीति है कि सरकारी को छोटा करो और निजी को बड़ा करो।
आमिर खान ने आँकड़े देते हुए बताया कि आजादी के पहले और अब के आंकड़े देखें तो निजी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है।
डॉ गुलाटी ने कहा, "आज जीडीपी का 1.4 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च होता है, ये जब तक छह प्रतिशत तक नहीं पहुँचेगा, हम सबको स्वास्थ्य उपलब्ध नहीं करवा पाएँगे।"
वहीं नारायण हृदयालय के डॉ देवी शेट्टी ने बताया कि किस तरह से गरीब लोगों से नाममात्र का पैसा लेकर लोगों को दिल का महंगा ऑपरेशन की सुविधा दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि ये कम क़ीमत पर स्वास्थ्य इंश्योरेंस है जिसे पूरे देश में लागू करने की जरुरत है।
जेनेरिक दवाइयाँ
राजस्थान के आईएएस डॉ शमित शर्मा ने बताया कि लोग कई बार दवाओं की वास्तविक क़ीमत पचास गुना तक ज्यादा वसूली जाती है।
डॉ शमित ने राजस्थान में आम लोगों के लिए जेनेरिक दवाओं की दुकानें शुरु की हैं।
उन्होंने ब्रांडेड दवाओं और जेनेरिक दवाओं की कीमतों के अंतर के बारे में भी बात की और कहा, "भारत से हर वर्ष 45 हज़ार करोड़ की जेनेरिक दवाएँ निर्यात करते हैं लेकिन वो भारत में उपलब्ध नहीं होते। ऐसे में हमें किसी ईस्ट इंडिया कंपनी की जरुरत नहीं है."
आमिर खान ने कहा कि जरुरत है कि राज्य की सरकारें जेनेरिक मेडिसिन की दवाओं की दुकानें खोले।
सत्यमेव जयते के आज के एपीसोड में आमिर खान उन डॉक्टरों की करतूतों को उजागर कर रहे हैं जिनके पास इस उम्मीद से मरीज जाते हैं कि वह उनकी जान बचाएगा। वह डॉक्टर को भगवान मानते हैं लेकिन वहां जाते ही फंस जाते हैं एक यमराज के चंगुल में, जो बेवजह की जांच लिखकर उनको लूटता है। इस लूट के सारे रहस्यों पर से पर्दा उठा रहे हैं आमिर खान।
सभी तो नहीं लेकिन मेडिकल जैसे नेक पेशे में कुछ ऐसे डॉक्टर और हॉस्पिटल हैं जो अनैतिक तरीकों से मरीजों को लूटकर खूब पैसा बना रहे हैं।
इस एपीसोड में आमिर शो की शुरूआत करते हुए बोले, 'कहा जाता है हेल्थ इज वेल्थ। जान है तो जहान है। जिंदगी का मजा आप तभी ले सकते हैं जब आपकी सेहत ठीक हो। जिंदगी की कठिनाईयों से आप तभी जूझ सकते हैं जब सेहत आपके साथ हो। जब कभी हमारी सेहत खराब होती है तो हमारे लिए भगवान कौन होता है? हमारा मसीहा कौन होता है? एक डॉक्टर...'
इतना कहने के बाद ऑडियंस में बैठे उन यंगस्टर्स से उन्होंने बात करनी शुरू की जो डॉक्टर बनने की तैयारी में लगे हैं।
उनसे आमिर ने पूछा, 'मुझे बताईए कि क्यूं आपने फैसला किया कि आप डॉक्टर बनना चाहते हैं।'
एक युवा ने बताया कि वह इसीलिए डॉक्टर बनना चाहते हैं क्योंकि उनके गांव के लोगों की हेल्थ कंडीशन खराब है और उनकी सेवा वह करना चाहते हैं। होमोफीलिया के मरीज एक युवा ने कहा कि वह डॉक्टर बनकर यह दिखाना चाहते हैं कि जानलेवा बीमारी से जूझ रहे लोग भी देश के लिए कुछ कर सकते हैं।
इसके बाद शो में कुछ ऐसे मरीजों का किस्सा दिखाया गया जो डॉक्टरों की आतंक का शिकार हुए थे।
वेंकटेश के साथ किया डॉक्टर ने खिलवाड़
वेंकटेश के पैर में बालतोड़ फोड़ा होने के बाद वह डॉक्टर के पास गए। डॉक्टर ने उनको तुरंत एडमिट होने की सलाह दी और कहा कि ऐसा नहीं करेंगे तो पैर काटना पड़ेगा। डर के मारे वेंकटेश अस्पताल में भर्ती हुए और फौरन उनका ऑपरेशन हुआ। दूसरे ही दिन उनके पैर में इंफेक्शन हो गया। इसके कारण उनकी ऊंगली काटनी पड़ी।
लेकिन, मुसीबत वहीं खत्म नहीं हुई। पता चला कि डॉक्टर ने ऊंगली के ऑपरेशन के दौरान हड्डी का टुकड़ा अंदर छोड़ दिया था। बाद में उनको चार ऑपरेशन और करवाने पड़े जिसमें दो लाख खर्च हुए। वहीं उनको यह भी पता चला कि पहले ऑपरेशन की जरूरत ही नहीं थी क्योंकि वह एंटीबायोटिक और दवाई से ठीक हो सकता था।
वेंकटेश को अपनी ऊंगली गंवानी पड़ी और उनको चलने में भी परेशानी होती है।
15 रुपए के बदले डॉक्टर ने करवा दिया डेढ़ लाख खर्च
अरविंद उल्टियां आने के बाद डॉक्टर के पास चेकअप करवाने गए। बिना कुछ बताए डॉक्टर ने उनको तीन दिन आईसीयू में रखा और काफी महंगे टेस्ट करवाए। उनको एपेंडिक्स फूटने की बात कहने के बाद यह कहा गया कि अगर ऑपरेशन नहीं किया गया तो वह मर जाएंगे।
उनको यकीन नहीं हुआ और वह दूसरे हॉस्पिटल गए तो वहां जांच के बाद पता चला कि उनको एंपेडिक्स है ही नहीं। सारा खर्च लगभग डेढ़ लाख हुआ। अरविंद का कहना कि अगर वह ओआरएस का 15 रुपए का घोल पी लेते तो वह ठीक हो जाते।