




नवगछिया, संवाद सहयोगी। बिहार सरकार द्वारा १६ मार्च को कैबिनेट में लिए गए फैसले के तहत नवगछिया के समीप विजय घाट पर पक्का पुल बनाने की मंजूरी को राजनैतिक हल्कों में चुनावी फैसला बताया जा रहा है। किसी दल के लोग इसे चुनावी घोषणा बता रहें हैं तो किसी दल के लोग वोट बटोरने का फंडा बता रहे हैं। अंततः सभी का नजरिया बता रहा है की विजय घाट पर पुल का शिलान्यास होने से पुरे कोसी क्षेत्र एवं पूर्वी बिहार के क्षेत्र में राजग गठबंधन को चुनावी फायदा जरुर होगा।
विजय घाट पर पक्का पुल की मंजूरी को कांग्रस के महासचिव शीतल प्रसाद सिंह 'निषाद' एवं राजद प्रवक्ता राजेन्द्र यादव ने चुनावी घोषणा कहा है। इनके अनुसार इस पुल की घोषणाएं पहले भी कई बार हुयी है। जिसे अमली जमा पहनाया नहीं जा सका है। पुनः वोट बटोरने का षड्यंत्र लग रहा है। अगर पुल बनता है तो निश्चित रूप से क्षेत्र का विकास होगा।
इसी सिलसिले में लोजपा के जिलाध्यक्ष विभांशु मंडल कहते हैं कि यह योजना तो पिछली सरकार के समय ही पास हो गयी थी। इसे वर्तमान सरकार की उपलब्धि नहीं माना जा सकता। भाकपा माले के विन्देश्वरी मंडल और रुपेश सिंह ने इसे कोसी दियारा वासियों के अविराम संघर्ष का नतीजा बताया है तथा इस पुल के आन्दोलन के दौरान हुए मुकदमें को समाप्त करने की मांग भी की है।
जदयू जिलाध्यक्ष विरेन्द्र कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं सांसद शहनवाज हुसैन ,विधायक गोपाल मंडल को बधाई दी है तथा कहा है की हमारे नेताओं ने दियारा के लोगों के दर्द को महसूस किया है। जिसके निदान हेतु पुल निर्माण की मंजूरी दी गयी है।
भाजपा के निवर्तमान महा मंत्री मनोज कुमार पाण्डेय के अनुसार यह घोषणा चुनावी नहीं है। इसका काम धरातल पर होगा । यह पुल मंत्री प्रेम कुमार एवं विधायक के प्रयास का फल है। भाजपा नेता मुकेश राणा के अनुसार नितीश जी एवं शरद जी ने इसकी घोषणा पहले की थी। पिछले लोक सभा चुनाव के दौरान संसद ने भीष्म प्रतिज्ञान की थी । जिसके पूरी होने पर पुरे कोसी क्षेत्र में राजग गठ बंधन को फायदा निश्चित है। भाजपा के नव निर्वाचित जिला अध्यक्ष सुबोध सिंह कुशवाहा के अनुसार मुख्य मंत्री , उप मुख्य मंत्री एवं संसद ने जनता की मांग पूरी की है। जजों आने वाले विकास की आंधी का एक हिस्सा मात्र है।