नवगछिया पहुंचा मंजूषा पेंटिंग और कला पर रिसर्च को निफ्ट के 32 छात्रों का दल, ली बारीकी जानकारियां
राजेश कानोडिया (नवबिहार समाचार / शिक्षा संसार), नवगछिया। देश के अलग अलग राज्यों से निफ्ट के 32 छात्र छात्राओ का एक दल दो प्रोफेसर के साथ मंजूषा पेंटिंग के रिसर्च के लिए शुक्रवार को सती बिहुला के मायका नवगछिया बाजार स्थित बिहुला विषहरी मंदिर पहूँचा। जहां इन लोगों ने स्थानीय मंजूषा कलाकार अश्विनी, आनंद, खुशी श्री, नीतू सिंह, कंचन कुमारी, पंचलाल शर्मा, अंजिली देवी, करूना कुमारी, पूनम देवी, सोनी देवी, रूबी देवी, कविता देवी, अमृता देवी, निशा कुमारी, साक्षी कुमारी, मुस्कान कुमारी, माही, मनीषा सहित करीब बीस मंजूषा कलाकारों से मंजूषा कला एवं पेंटिंग की बारीकी से अध्ययन किया। इसके अलावा मंजूषा की मूल नायिका बिहुला के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी हासिल की। मंजूषा के तीन रंग एवं मंजूषा के बोर्डर के विशेषता से अवगत हुए। सभी छात्र छात्राओ ने बारी बारी से सभी से वार्ता भी की।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी ( निफ्ट ) के छात्रों का यह दल भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निगरानी में आई टीम का स्वागत मंजूषा कला से जुड़े मुकेश राणा ने किया और कहा कि मंजूषा पेंटिंग के बारे में देश के कई राज्यों का नवगछिया आगमन हमलोगो के लिए गर्व की बात है। सभी छात्र छात्राओ ने मंदिर के संस्थापक बिमल किशोर पोद्दार से बिहुला गीत को बड़े ही चाव से सुना।
वहीं साथ आए प्रोफेसर राजेश ठाकुर ने कहा कि सभी छात्र मंजूषा पेंटिंग का रिसर्च कर नवगछिया के मंजूषा कलाकार मंजूषा पेंटिंग के नवगछिया की बेटी बिहुला से जुड़े होने के कारण सभी भावनात्मक भाव रखते है और ऐसे कलाकार को प्रोत्साहन की आवश्यकता है। मंजूषा पेंटिंग में नवगछिया के कलाकार बहुत अच्छा कर सकते है।
निफ्ट की छात्रा रिचा ने बताया कि नवगछिया से जुड़ी मंजूषा के सभ्यता के बारे में जाना नवगछिया की कलाकार से मंजूषा पेंटिंग से काफी कुछ सीखने को मिला। निफ्ट की छात्रा प्रार्थना रस्तोगी ने बताया कि मंजूषा पेंटिंग के कलाकार को सहयोग की आवश्यकता है। मंजूषा और मनसा देवी के बारे में जानकारी मिली
छात्र चंदन राज ने बताया कि यहां आकर मंजूषा की कहानी से रुबरू हुए और कहा कि वस्त्र की दुनिया में मंजूषा पेंटिंग से रोजगार का सृजन हो सकता है।