भाद्र पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने उमरा जनसैलाब, पितृ पक्ष हुआ प्रारंभ
सुल्तानगंज। भाद्र पूर्णिमा को लेकर उत्तरवाहिनी गंगा तट पर गंगा स्नान करने दूर-दूर के लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हिंदू धर्म में भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि को विशेष तिथि माना गया है। मान्यता है कि इस पूर्णिमा की तिथि में की जाने वाली पूजा का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। इसके साथ ही इस दिन की जाने वाली पूजा, जीवन की बाधा और परेशानियों को भी दूर करती है।
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि इसे भाद्रपद पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन पूर्णिमा का व्रत रखकर चंद्रमा की विशेष उपासना की जाती है। माना जाता है कि इस तिथि को चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। इस दिन सत्यानारायण भगवान की कथा का विशेष महत्व बताया गया है। इसके साथ ही इस तिथि से ही पितृ पक्ष का भी प्रारंभ होता है। इसे श्राद्ध भी कहा जाता है। पूर्णिमा की तिथि से ही पितृ पक्ष का आरंभ होगा। पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किया जाता है। जिन लोंगों के पितरों का श्राद्ध पूर्णिमा तिथि को होता है। वे लोग पूर्णिमा श्राद्ध के दिन पिंडदान, तर्पण आदि कर सकते हैं। पितृ पक्ष का समापन 06 अक्टूबर को अमावस्या श्राद्ध या सर्वपितृ अमावस्या के दिन होगा। पितृ पक्ष में किसी भी प्रकार के गलत कार्यों को नहीं करना चाहिए। अनुशासित जीवनशैली को अपनाना चाहिए। इसके साथ ही क्रोध, अहंकार और लोभ आदि से दूर रहना चाहिए। दान आदि के कार्य करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है।