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भागलपुर विश्वविद्यालय की कुलपति नीलिमा गुप्ता बनीं केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति

भागलपुर विश्वविद्यालय की कुलपति नीलिमा गुप्ता बनीं केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति
नव-बिहार समाचार, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता को भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के सागर स्थित डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने इस बाबत ट्विटर पर बुधवार को सूचना पोस्ट की गयी है। वहीं कुलपति डॉ गुप्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें भी इस बाबत सूचना मिल गयी है।

 हालांकि उन्होंने बताया कि अभी मध्यप्रदेश जाने का तय नहीं किया है कि कब जाना है। लेकिन आना-जाना तो लगा ही रहता है। मध्यप्रदेश के सागर में स्थित डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सेंट्रल यूनिवर्सिटी है। वीसी प्रो गुप्ता का कहना था कि उन्होंने अपने छह माह से अधिक के कार्यकाल में विश्वविद्यालय को पटरी पर लाने का काम किया है। कुछ चीजों में सुधार भी दिखने लगा है। प्रयास था कि विवि को राज्य ही नहीं, देश के लेवल पर लेकर जायें। इसके लिए लगातार अधिकारियों को बैठक में निर्देश भी देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीएमबीयू की कुलपति बनने पर खुशी हुई थी। यहां से सेंट्रल विवि की जिम्मेदारी मिलने पर भी खुशी हो रही है। विवि के सारे अधिकारी, शिक्षक व कर्मचारियों का सहयोग मिलता रहा है। यदि समय और मिलता तो टीएमबीयू को पठन-पाठन से लेकर खेल आदि क्षेत्रों में भी बढ़िया कराते। 

बता दें कि प्रो नीलिमा गुप्ता को टीएमबीयू के कुलपति पद की जिम्मेदारी राजभवन ने 19 सितंबर 2020 को सौंपते हुए अधिसूचना जारी की थी, लेकिन प्रो गुप्ता ने इस विश्वविद्यालय में एक मार्च 2021 को योगदान दिया था। प्रो गुप्ता टीएमबीयू की 65वें कुलपति हैं। इससे पहले वे छत्रपति शाहूजी महराज विश्वविद्यालय (कानपुर विश्वविद्यालय) कानपुर की भी कुलपति रही हैं।

वहीं डीएसडब्ल्यू प्रो राम प्रवेश सिंह, डीन (एकेडमिक) प्रो अशोक कुमार ठाकुर, सीसीडीसी डॉ केएम सिंह, प्रॉक्टर डॉ रतन मंडल ने कहा कि कुलपति के साथ काम करके बहुत कुछ सीखने को मिला। उनके प्रयास से विवि आगे बढ़ने लगा था। वीसी के नेतृत्व में विवि का पांच साल का एक्यूआर रिपोर्ट नैक मुख्यालय के वेबसाइट पर अपलोड कर पाये। वीसी की कार्यशैली से निश्चित था कि आने वाले दिनों में राज्य का पहला विवि टीएमबीयू बनता।

लेक्चरर के रूप में की थी करियर की शुरुआत
प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से वर्ष 1981 में पीएचडी की थी। जिसके बाद उन्होंने 2012 में रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से डीएससी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1985 में रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में लेक्चरर के पद से की थी। उसके बाद वर्ष 1995 में रीडर, वर्ष 2003 में प्रोफेसर और वर्ष 2018 में कुलपति बनीं।

कई शोध और पुरस्कार हैं उनके नाम
प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता को टेक्सोनॉमी का सर्वोच्च सम्मान जानकी अम्मल राष्ट्रीय पुरस्कार समेत अन्य पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्होंने रामगंगा नदी में पाए जाने वाले जलीय जंतुओं पर भी शोध किया है। उन्होंने कालगढ़ से लेकर कन्नौज तक नदी के पानी की जांच की और इसमें पाए जाने वाले जंतुओं में गंभीर बीमारियों की भी पहचान की थी।