नव-बिहार समाचार, नवगछिया। गौशाला का पैसा खाने वालों की शक्ति क्षीण हो जाती है, तेज खत्म हो जाता है और अंततः उसे कैंसर जैसी प्राणघातक बीमारी का शिकार होना पड़ता है। इसलिये ईमानदारी का खाना ही खाना चाहिये। ये बातें श्रीगोपाल गौशाला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन कथावाचक आचार्य बाल व्यास पंडित श्रीकांत जी शर्मा ने कथा के एक प्रसंग की चर्चा के दौरान बतायी।
इन दिनों देश मे चल रही पिंक क्रांति पर करारा कटाक्ष करते हुए श्रीकांत जी ने कहा कि आज देश भर मे दुर्दशा किसी नेता या अभिनेता की नहीं होती है। सबसे ज्यादा दुर्दशा अगर किसी की हो रही है तो वह हो रही है गौमाता और बछड़ों की। एक समय था जब देश मे हरित क्रांति का समय था लेकिन आज पिंक क्रांति चल रही है। आज देश भर में रोजाना दो लाख से भी ज्यादा गौमाता और बछड़ों का कत्ल किया जा रहा है। विश्व मे सबसे ज्यादा खून और मांस की आपूर्ति भारत से की जाती है। उन्होंने भक्तजनों से आग्रह भी किया कि गौमाता आपको दूध देती है, धन देती है, समृद्धि देती है तो फिर इसका कत्ल क्यों होने देते हैं। आज यहां की यह गौशाला भी कर्ज में है। आपलोग ऐसा करें कि इस गौशाला का दूध पूरा नगर और गांव पियें। इस कलियुग में गौमाता का बड़ा महत्व है। इसकी सेवा करके बैकुंठ धाम जाया जा सकता है।