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सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को माना अवमानना का दोषी, 10 जुलाई तक पेश होने का आदेश

नव-बिहार न्यूज नेटवर्क, नईदिल्ली: भारत से भगौड़ा घोषित  कारोबारी  विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. देश से बाहर छुपे माल्या को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी पाया है. उन्हें दोषी करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई तक पेश होने का आदेश दिया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या पर सुनवाई करते हुए कहा कि माल्या ने अपने बच्चों को 4 करोड़ डॉलर ट्रांसफर किए थे जो कोर्ट के ऑर्डर का वॉयलेशन है.  जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने कहा, “माल्या को 2 ग्राउंड्स का दोषी मानते हैं. उन्हें 10 जुलाई तक कोर्ट में पेश होना होगा.”

सुप्रीम कोर्ट का ये ऑर्डर बैंकों की ओर से दायर एक पिटीशन की सुनवाई के बाद आया है. इसमें आरोप लगाया गया था कि माल्या ने ब्रिटिश फर्म डिएगो से मिले 4 करोड़ डॉलर (करीब 258 करोड़) अपने बच्चों को ट्रांसफर किए थे. ये कई ज्यूडिशियल ऑर्डर का वॉयलेशन है.

बता दें कि विजय माल्या को पिछले महीने लंदन में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि,उन्हें  तीन घंटे बाद ही जमानत मिल गई थी. उन्हें लंदन में गिरफ्तार कर वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश कियागया था. जहां जमानत के लिए उन्‍हें करीब 5 करोड़ रुपए का बेल बॉन्‍ड भरना पड़ा.

स्‍कॉटलैंड वेस्‍टमिंस्‍टर की पुलिस के मुताबिक, माल्‍या खुद पुलिस के सामने हाजिर हुए थे. इसी दौरान उनको गिरफ्तार किया गया. माल्‍या पर मनी लॉन्ड्रिंग और लोन डिफॉल्‍ट के मामले चल रहे हैं.

मालूम हो कि  विजय माल्या मार्च, 2016 में लंदन भागे थे. भारत सरकार पिछले काफी समय से माल्या को लंदन से वापस लाने की कोशिशें कर रही थी. हालांकि बीते कुछ महीनों के दौरान ये कोशिशें खासी तेज हो गई थीं. भारत सरकार ने ब्रिटिश से माल्या के एक्स्ट्राडीशन (प्रत्यर्पण) की मांग की थी.