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पटना में 27 फरवरी से बहेगी ओशो धारा, 4 मार्च को व्यापक कार्यक्रम

पटना : पटना में 27 फरवरी से ओशो धारा बहेगी. आस्था के इस सागर में श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे. इसे लेकर अभी से लोग उत्साहित हैं. इसका आयोजन पटना के कंकड़बाग स्थित भूतनाथ रोड में होगा. आयोजन स्थल ओशो धारा साधना केंद्र पर इसकी तैयारी अंतिम चरण में चल रही है. वहीं 4 मार्च को पटना के रवींद्र भवन में व्यापक कार्यक्रम होगा. यह जानकारी संयोजक आशो प्रभाकर ने दी.

लोगों को पढ़ायेंगे शांति का पाठ
संयोजक आशो प्रभाकर ने बताया कि सत्संग में ब्रह्मज्ञानी सूफीसंत सद्गरु ओशो सिद्धार्थ औलिया अपने ओजस्वी वाणी से प्रेम, आनंद और शांति का पाठ लोगों को पढ़ायेंगे. उन्होंने कहा कि सद्गुरु औलिया लोगों के बीच नफरत को समाप्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. उन्होंने कहा कि 27 फरवरी से ओशोधारा हॉस्पीटल में महात्मा बुद्ध के आष्टागिंक मार्ग पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे, वहीं 4 मार्च को रवींद्र भवन में सद्गरु ओशो सिद्धार्थ औलिया का प्रवचन होगा.

धन से नहीं मिलती है शांति
उन्होंने कहा कि आज हमारे समाज में आर्थिक संपन्नता और शैक्षणिक विकास तेजी से हो रहा है. लेकिन, इसके विपरीत हमारे अंदर प्रतिस्पर्धा, तनाव, अशांति व नफरत तेजी से घर कर रहा है. प्रेम, आनंद, शांति में कमी आ रही है. लोग एक—दूसरे के दुश्मन हो रहे हैं. और, इसे सत्संग व प्रवचन से ही खत्म किया जा सकता है. यदि धन से शांति मिलती तो आज सभी धनवान लोग आनंद का जीवन जीते. उन्होंने कहा कि सद्गुरु औलिया हमें शांति के मार्ग पर चलने का निमंत्रण देने आ रहे हैं.

कौन हैं सिद्धार्थ औलिया
सद्गुरु सिद्धार्थ औलिया ब्रह्मज्ञानी सूफी संत हैं. ये गौतम बुद्ध समेत अन्य संतों की राह पर चल कर समाज में लोगों को शांति का संदेश दे रहे हैं. आनंद का मार्ग बता रहे हैं. उनके अनुयायी इन्हें ओशो रूपी हिमालय से निकली भक्ति धारा के भागीरथ हैं. इन्होंने अपने और आज तक के सभी संतों के अनुभव के आधार पर हमारे लिए ओंकार का मार्ग का चयन किया है. इनका कहना है कि ओंकार का मार्ग हमें अति सरल और तीव्र गति से मंजिल की ओर ले जाता है. ये वो नाविक हैं जो लोगों को मृत्युलोक से परलोक की ओर ले जाते हैं.