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आलोक हत्याकांड के हत्यारे अखिलेश को मिली आजीवन कारावास की सजा

तीन साल में पीड़ित पक्ष को मिला न्याय.

नवगछिया स्थित व्यवहार न्यायालय के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश द्वितीय का फैसला

दो मार्च 2013 की रात कर दी थी आलोक की हत्या

पांच मार्च 2013 को पोखर से पुलिस ने किया था शव बरामद 

आलोक के पिता ने नवगछिया थाना में दर्ज करायी थी प्राथमिकी

अखिलेश साह व उसकी पुत्री कोमल को किया गया था नामजद

नवगछिया के चर्चित आलोक हत्याकांड में व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) निरंजन सिंह की अदालत ने आरोपित नवगछिया थाना क्षेत्र के मुमताज मुहल्ला निवासी अखिलेश साह को उम्रकैद की सजा सुनाई है. तीन साल बाद यह फैसला आया. 

नवगछिया : अखिलेश साह को इसी माह छह अप्रैल को न्यायालय ने हत्याकांड में भादवि की धारा 302/34, 201/34 व 120बी/34 के तहत दोषी पाया था. सजा के बिंदुओं पर सम्यक सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने उसे सजा दी. धारा 302 और 120 बी के तहत आजीवन कारावास की सजा दी गयी है. धारा 201 में तीन वर्ष की सजा दी गयी है. मामले में अभियोजन संचालन लोक अभियोजक परमानंद साह और अपर लोक अभियोजक देवेंद्र कुमार सिंह कर रहे थे. अभियोजन पक्ष से सात गवाहों को प्रस्तुत किया गया. तीन वर्ष बाद न्याय मिलने से पीड़ित पक्ष में संतोष दिखा. 

बोरे में भर कर शव पोखर में छुपा दिया था : घटना दो मार्च 2013 की है. आलोक का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गयी थी. उसका शव बोरे में भर कर जनक सिंह रोड स्थित पोखर में फेंक दिया गया था. पोखर में जलकुंभी रहने के कारण बोरा आसानी से पानी में डूब गया था. आलोक के गायब होने के बाद यह मामला नवगछिया में काफी चर्चित हुआ था. काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने पांच अप्रैल को देर रात पोखर से शव बाहर निकाला था. आलोक कुमार के पिता उमेश कुमार साह ने नवगछिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसमें अखिलेश साह व उसकी पुत्री कोमल कुमारी को नामजद किया गया था.

  केस का चार्जशीट होने के बाद कोमल के अवयस्क होने के कारण मामले की सुनवाई अवयस्क अदालत में की जा रही है. मृतक के पिता उमेश कुमार साह का आरोप था कि दो मार्च को उसके पुत्र आलोक कुमार का अखिलेश साह ने अपहरण कर लिया और वह उस पर अपनी पुत्री से शादी करने का दबाव डालने लगा.  शादी के लिए तैयार नहीं होने पर अखिलेश साह व उसकी पुत्री कोमल कुमारी ने मिल कर आलोक की गला दबा कर हत्या उसी रात कर दी. शव को बोरे में भर कर घर के पास वाले पोखर में फेंक दिया और जलकुंभी डाल दिया.

अंग उत्थान समिति ने किया था चरणबद्ध आंदोलन : आलोक हत्याकांड के बाद से अंग उत्थान आंदोलन समिति ने चरणबद्ध आंदोलन चलाया था. समिति के अध्यक्ष गौतम सुमन सजा की सुनवाई के वक्त कोर्ट परिसर में ही मौजूद थे. उन्होंने कहा सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं. इस हत्याकांड में और लोग भी शामिल हैं जिन्हें बेनकाब किया जायेगा. उन्होंने कहा कि वरीय अदालत में भी मजबूती से पक्ष रखने के लिए वे लोग तैयार हैं.