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देशभर में मची रामनवमी की धूम, कई वर्षों बाद बना दुर्लभ संयोग

उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में राम नवमी का त्यौहार पूरे हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है. श्री राम का जन्मोत्सव वैसे तो बेहद शुभ समय होता है, लेकिन इस शुभ दिन कुछ और भी योग संयोग बन रहे हैं, जो शुभता को कई गुना बढ़ाने वाले हैं. किसी भी प्रकार की खरीदी, गृहप्रवेश और शुभ कार्यों के लिए यह विशेष संयोग लाभकारी सिद्ध होगा. इस बार रामनवमी पर पुष्य नक्षत्र के साथ-साथ बुधादित्य योग का विशेष संयोग भी बन रहा है। उच्च का सूर्य, बुध के साथ मिलकर बुधादित्य योग बना रहा है। ये बेहद खास मुहूर्त है। साथ ही पुष्य नक्षत्र भी है। कई सालों बाद इतना विशेष योग भी बन रहा है।

हिंदू धर्म में रामनवमी का बहुत अधिक महत्व है। यह चैत्र और शारदीय नवरात्र के नौवें दिन बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य का अधिक महत्व होता है। कई लोग नवरात्र में व्रत रखते है वो रामनवमी के दिन ही अपना व्रत पूजा-पाठ, उद्यापन कराने के बाद तोडते है।

इस दिन अनेक कार्यों के लिए अनबूझ सिद्ध मुहूर्त है। दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि तो वैसे ही शुभ होती है। नवमी तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: धनवान, दानी, कीर्तिवान, विद्यावान, कला-कुशल, तपस्वी, देवताओं की पूजा करने वाला तथा शत्रुनाशक होता है। नारद पुराण के अनुसार राम नवमी के दिन भक्तों को उपवास करना चाहिए. श्री राम जी की पूजा-अर्चना करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और गौ, भूमि, वस्त्र आदि का दान देना चाहिए. इसके बाद भगवान श्रीराम की पूजा संपन्न करनी चाहिए.

रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन पूरे समय पवित्र मुहूर्त होता है। इस दिन नए घर, दुकान या प्रतिष्ठान में प्रवेश किया जा सकता है। किसी भी प्रकार की खरीदी, गृहप्रवेश और शुभ कार्यों के लिए यह विशेष संयोग लाभकारी सिद्ध होगा।