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नीतीश कुमार बने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष

 दिल्ली: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल युनाइटेड के नेतृत्व में बड़ा परिवर्तन हुआ है. जेडीयू की कमान बिहार के सीएम नीतीश कुमार को दी गई है यानी 'सुशासन बाबू' जेडीयू के नए अध्यक्ष बनाए गए हैं. इसकी घोषणा होते ही नवगछिया, भागलपुर और पटना सहित देश भर से बधाइयों का तांता लग गया।

दिल्ली में जेडीयू के नेशनल काउंसिल की मिटिंग में नीतीश कुमार को नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इस नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही शरद यादव के अध्यक्ष पद के 10 साल के कार्यकाल का अंत हो गया. शरद यादव ने खुद ही लगातार चौथी बार पार्टी अध्यक्ष बनने से इनकार किया था.

शरद यादव और नीतीश कुमार इस पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं. शरद यादव 2006 से जेडीयू के अध्यक्ष बने थे और साल 2013 में तीसरी बार पार्टी अध्यक्ष चुने गए थे, तब पार्टी के संविधान में बदलाव करके उन्हें अध्यक्ष बनाया गया था, क्योंकि पार्टी के संविधान में लगातार दो बार से ज्यादा अध्यक्ष बनाए जाने पर पाबंदी थी.

खबरें ये हैं कि जेडीयू बिहार से बाहर भी चुनावी मैदान में अपना दम दिखाने की तैयारी में है. इस कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह की पार्टी आरएलडी और झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा जेडीयू में विलय को तैयार है.

आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू को बिहार में करारी हार मिली थी, लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के साथ मिलकर जबरदस्त वापसी की और बिहार की सत्ता पर अपनी पकड़ को और ज्यादा मजबूत किया.

जेडीयू का बयान

जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने बताया कि 23 अप्रैल को पटना में जेडीयू नेशनल काउंसिल की मिटिंग होगी, जिसमें विधिवत नीतीश कुमार का बतौर अध्यक्ष अनुमोदन किया जाएगा.

नीतीश कुमार के पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने पर  केसी त्यागी ने कहा, "साल 2013 में पार्टी के संविधान में बदलाव करके शरद यादव को तीसरी बार पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन शरद यादव ने चौथी बार अध्यक्ष बनने से इनकार किया, इसलिए आपात स्थिति में नीतीश कुमार अध्यक्ष बनने को तैयार हुए."

नीतीश कुमार में देश का नेतृत्व करने की क्षमत की ओर इशारा करते हुए केसी त्यागी ने कहा, "देश में वही निराशा का माहौल है जो 2014 के पहले था. शासक दल अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रहा है, इसलिए वो मुद्दे उठाए जा रहे हैं जो कभी बहुत पहले उठाए जाते थे."