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थाना से फरार हुए मंत्री पति अवधेश मंडल


पूर्णिया। गवाह को धमकाने के आरोप में रविवार शाम को गिरफ्तार हुए अवधेश मंडल 5 घंटे तक चले हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद मरंगा थाने से फरार हो गए।

अवधेश मंडल के फरार होने के समय थाने में जदयू सांसद संतोष कुशवाहा की मौजूदगी और विधायक पत्नी बीमा भारती की भूमिका की चर्चा आम है। हालांकि सांसद ने मरंगा थाना जाने की बात से इनकार किया है। लेकिन, बीमा भारती के फोन आने पर थाने के पास रुककर उनसे बात करने की बात स्वीकारी है।

बीमा भारती ने भी कहा कि थाने से सांसद को फोन पर पति की गिरफ्तारी के बारे में बताया था। लेकिन, जो लोग यह कह रहे हैं कि सांसद थाना आए थे वो सरासर गलत कह रहे हैं।

इधर, मंडल के थाने से फरार होने को पुलिस की लापरवाही मान एसपी निशांत कुमार तिवारी ने मरंगा थानाध्यक्ष शिवशंकर कुमार को सस्पेंड कर दिया है। 

इस बीच एडीजी (मुख्यालय) सुनील कुमार ने पटना में प्रेस कांन्फ्रेंस में कहा कि भवानीपुर थाना कांड संख्या 51/2005 से संबंधित गवाहों को धमकाने के मामले में मंडल के खिलाफ खजांची हाट थाना में एक केस (21/16) दर्ज किया गया था। उसी मामले में रविवार को अवधेश मंडल को गिरफ्तार कर मरंगा थाना लाया गया था।

उस वक्त वहां स्थानीय थाना प्रभारी थे। एडीजी के अनुसार वहां के कुछ लोगों की मदद से अवधेश मंडल थाना से फरार हो गए। थाना से फरार होने के मामले में भी मंडल के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है। 

बिहपुर-नवगछिया तक मिला अवधेश का लोकेशन

पुलिस सूत्रों के अनुसार अवधेश के फरार होने के बाद पुलिस ने बिहपुर और नवगछिया तक मोबाइल लोकेशन के आधार पर उनका पीछा किया। लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। पुलिस उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

अवधेश कैसे हुए फरार पता नहीं, पत्नी होने के नाते थाने गई थी : बीमा

बीमा भारती ने कहा- पता नहीं अवधेश कैसे फरार हो गए। पत्नी होने के नाते उनसे थाने मिलने गई थी। लेकिन डीएसपी के रवैये से लगा कि वे उनको छोड़ने को तैयार नहीं हैं। रात होने से ठंड बढ़ रही थी जिसके कारण मैं लौट आई। 

मंडल के साथ फोटो खिंचवाने और  उनके आवभगत में लगी थी पुलिस 

अवधेश की गिरफ्तारी की खबर शाम 6 बजे आई जबकि एसपी निशांत तिवारी ने रात 8 बजे इसकी पुष्टि की। लेकिन थाने में तनाव मुक्त घूम रहे मंडल को देखकर कहीं से भी यह नहीं लगता था कि उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिसकर्मी कभी थाने के पोर्टिको में तो कभी कैंपस के कोने में ले जाकर उनसे बतियाते रहे। एक बार किसी बड़े अधिकारी का फोन आया तो वहां मौजूद पुलिस अफसर ने कहा- प्रमुख साहब, जरा गाड़ी के पास आइये न फोटो लेना है।