नरेंद्र मोदी सरकार गंगा नदी की सफाई को लेकर अब काफी गंभीर और सख्त नजर आ रही है। मोदी सरकार अब गंगा नदी में थूकने या कूड़ा फेंकने पर जुर्माना लगाने की योजना बना रही है।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार गंगा की स्वच्छता और निर्मलता बनाए रखने को लेकर कड़ा कानून बनाने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, गंगा में थूकने, कचरा और प्लास्टिक फेंकने पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा रहा है। गंगा में थूकने या कूड़ा फेंकने पर तीन दिन की कैद और दस हजार तक का जुर्माना हो सकता है।
गंगा की सफाई को लेकर सरकार के सख्त रुख अब साफ हैं और जल्द ही इस दिशा में सरकार नए कानून को लेकर आएगी। इस बारे में जल संसाधन मंत्रालय जल्द फैसला कर सकता है।
जिक्र योग्य है कि मोदी सरकार ने गंगा की सफाई को लेकर कई योजनाएं बनाई हैं और पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री उमा भारती को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। बता दें कि मोदी ने चुनाव से पहले और बाद में भी गंगा नदी के प्रति अपार श्रद्धा जताई है और वे गंगा आरती में शामिल भी हुए थे। उन्होंने गंगा नदी को `मां` कहकर संबोधित किया था।
गौरतलब है कि अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में चुनाव से पूर्व गंगा को स्वच्छ बनाने का ऐलान और सरकार गठन के बाद नए गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय का गठन करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को कहा था कि वह गंगा को पावन बनाये रखने के लिए सभी उपाय करेगी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए मोदी सरकार का रोडमैप पेश किया था। उन्होंने कहा कि गंगा नदी जो लाखों लोगों के लिए आस्था का प्रतीक और जीवन रेखा है, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि लेकिन गंगा जी प्रदूषित बनी हुई हैं और उसके कई भाग साल के कुछ हीनों में सूख जाते हैं। राष्ट्रपति ने कहा था कि सरकार गंगा को उसके प्राचीन स्वरूप की तरह बारहमासी, स्वच्छ और पावन बनाए रखने के लिए हर आवश्यक उपाय सुनिश्चित करेगी।
